UP Panchayat Chunav Result: Voting for the first time in 50 years in Mulayam Singh village Saifai Dalit became Pradhan
मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में 50 वर्षों में पहली बार पड़े वोट, मुलायम के करीबी रामफल वाल्मीकि बने प्रधान, रच दिया एक नया इतिहास
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायाम सिंह यादव के गांव और समाजवादी पार्टी के गढ़ सैफई ने यूपी पंचायत चुनाव 2021 में एक नया इतिहास रच दिया है। इस गांव में 50 वर्षों में पहली बार 19 अप्रैल को वोट पड़े थे।
आज मतगणना हुई और मुलायम सिंह परिवार के समर्थित उम्मीदवार रामफल वाल्मीकि ने जीत हासिल की। रामफल की जीत का फासला भी बहुत बड़ा रहा। उन्हें कुल 3877 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंदी विनीता को सिर्फ 15 वोट ही मिल पाए।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की वजह से सैफई हमेशा चर्चा में रहता है। बताया जा रहा है कि पिछले 50 वर्षों में पहली बार यहां मतदान की नौबत आई। इसके पहले तक यहां के प्रधान पद पर निर्विरोध निर्वाचन ही होता था।
1971 से मुलायम सिंह के मित्र दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई के ग्राम प्रधान निर्वाचित होते थे। पिछले साल 17 अक्टूबर को उनके निधन से यह सीट खाली हो गई। इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया।
जिसके बाद नेता जी मुलायम सिंह यादव के करीबी रामफल वाल्मीकि को सपा परिवार के तरफ से सैफ़ई प्रधान पद का पर्चा भरवाया गया था लेकिन रामफल के विरोध में एक अन्य प्रत्याशी विनीता देवी के पर्चा भर देने से सैफ़ई प्रधान पद को लेकर राजनीति गरमा गई थी।
एटा जनपद के सकीट ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला काजी में 22 वर्षीय नेहा यादव बनी प्रधान, बोली- विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगी
एटा जनपद के सकीट ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला काजी में 22 वर्ष की उम्र की बेटी प्रधान चुनी गई है। नगला काजी निवासी नेहा पुत्री बॉबी यादव ने 65 वोट से प्रधान बन विजय पताका लहराई है। उन्होंने कहा कि मेरे प्रधान बनाने में पूरे गांव ने मुझे समर्थन दिया है। गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगी। शिक्षा पर विशेष ध्यान दूंगी।
वंदना यादव अपने निकटतम प्रत्याशी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवकी रानी से दो हजार मतों से आगे
हमीरपुर जिला पंचायत सदस्य की जलालपुर सीट पर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वंदना यादव ने चुनाव लड़ा था। वहीं सैदपुर जिला पंचायत सीट पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जयंती राजपूत ने अपना भाग्य आजमाया था।
देर शाम तक आए रुझानों में वंदना यादव अपने निकटतम प्रत्याशी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवकी रानी से दो हजार मतों से आगे चल रहीं थीं। वहीं सैदपुर सीट पर पूर्व अध्यक्ष जयंती राजपूत अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से एक हजार मतों से आगे चल रहीं थीं। जयंती राजपूत भाजपा प्रत्याशी हैं, वहीं वंदना राजपूत सपा समर्थित हैं।
नौरंगा सीट पर जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी विमलेश कुमारी आगे चल रहीं थीं, जबकि राजकुमारी दूसरे नंबर पर थीं। वहीं रिहुंटा सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रमोद तोमर बढ़त बनाए हैं। वहीं जरिया सीट पर मदन पासवान भी बढ़त लिए हैं।
आगरा शमशाबाद में रहा करीबी मुकाबला
आगरा में विकासखंड शमशाबाद की ग्रामसभा भनपुरा गुड्डी देवी ने 12 वोटों से जीत हासिल की है, उन्हें 228 वोट मिले। ग्रामसभा तोर से रीमा देवी ने 15 वोटों से जीत हासिल की, उन्हें 245 वोट मिले। पट्टी शेखूपुर से ममता देवी 130 वोटों से विजयश्री प्राप्त की। नगला धीर से सर्वेश देवी ने 81 वोटों से जीत हासिल की, उन्हें 354 वोट मिले। गदौली कला से रामनाथ सात वोटों से जीते। शाहपुर से राजेश फौजी 130 वोटों से जीते, इन्हें 336 वोट मिले। नगला भीक्की से सोनू परमार 211 वोट से जीते, डबरई से दुर्योधन 73 वोटों से जीते उन्हें 599 वोट मिले। सिंगेचा से 242 वोटों से गायत्री देवी जीतीं, उन्हें 392 वोट मिले। लखुरानी से धर्मेंद्र 532 वोटों से जीते। जरौली साहब सिंह 68 वोटों से जीते। बांगुरी मछला देवी 75 वोटों से जीतीं। गड़ी उसराह विनोद कुमार 677 वोट से जीते, उन्हें 966 वोट मिले वहीं गौहन पुर हेतसिंह 84 वोट से जीते हैं।
आगरा मतगणना में देरी, शाम तक प्रधान पद के 40 नतीजे ही घोषित
एआरओ बदलने और कर्मचारियों के मतगणना स्थलों में पहुंचने में देरी के कारण आगरा में पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती विलंब से शुरू हो सकी। बाह, पिनाहट और फतेहाबाद, शमसाबाद में तो दो घंटे देरी से करीब 10 बजे मतगणना प्रारंभ हुई। जिले में 15 स्थलों पर एक साथ चल रही वोटों की गिनती काफी धीमी रही। आलम यह रहा कि शाम छह बजे तक प्रधान पद के ही सिर्फ 40 नतीजे ही घोषित हो सके। जिले में प्रधान की 688 और जिला पंचायत की 51 सीटों पर हुआ है चुनाव। प्रधान पद के 5034 और जिला पंचायत सदस्य पद के 587 उम्मीदवारों ने चुनाव में किस्मत आजमाई थी।
महराजगंज : बीजेपी विधायक के भाई की पत्नी को मिली हार
रेंदा तहसील के धानी ब्लाक के कानापार वार्ड संख्या 1 से 4 पर हो रहे क्षेत्र पंचायत सदस्य के चर्चित चुनाव में फरेंदा विधायक बजरंग बहादुर सिंह के भाई की पत्नी सरिता सिंह चुनाव हार गई। हैं। इस सीट से पूर्व प्रधान गोपाल सिंह विजयी हुए हैं। इस क्षेत्र में प्रधानी व जिला पंचायत से अधिक रोमांचक चुनाव इस क्षेत्र पंचायत सदस्य का था। जिसे ब्लाक प्रमुखी से जोड़कर देखा जा रहा था। मतगणना के बाद विजयी गोपाल सिंह को 531 मत मिले, जबकि सरिता सिंह को 354 मतों से ही संतोष करना पड़ा।
सैफई : 8 प्रधान प्रत्याशियों ने विजय हासिल की
सैफई अमिताभ बच्चन इंटर कॉलेज में चल रही मतगणना में शाम 6:00 बजे तक 8 प्रधान प्रत्याशियों ने विजय हासिल की है। जिनमें ग्राम पंचायत छतौनी से सुखबीर सिंह यादव ने सतेंद्र सिंह को 93 वोट से पराजित किया। परासना से रामप्रकाश ने महेंद्र सिंह को 381 मतों से पराजित किया। ग्राम पंचायत कुइया से अखिलेश यादव और फिर चंदगी राम ने राहुल यादव को 124 मतों से पराजित किया। ग्राम पंचायत खरदुली ईश्वर दयाल सिंह ने प्रियंका को 90 मतों से पराजित किया। हैबरा ग्राम पंचायत से सपना यादव ने डॉली यादव को 43 मतो से पराजित किया। गींजा से राधा कृष्ण ने नरेंद्र यादव को 294 मतों से पराजित किया सैफई ग्राम पंचायत से मुलायम सिंह यादव के चहते रामफल बाल्मीकि विनीता को 3862 मतों से पराजित कर रिकॉर्ड कायम किया। ग्राम पंचायत कुम्हावर से रानी देवी ने विनीता को 179 मतों से पराजित किया। नगला सुभान से मनोज कुमारी ने महेश को 242 मतों से पराजित किया।
मथुरा जिला पंचायत सदस्य की मतगणना के रुझान
मथुरा जिला पंचायत सदस्य की मतगणना के रुझानों में रालोद 17, बसपा 8, भाजपा 6 और सपा 2 पर आगे। फिलहाल मतगणना जारी है और रात तक ही जिला पंचायत की तस्वीर साफ हो सकेगी।
अखिलेश के चचेरे भाई अभिषेक यादव ने जिला पंचायत सीट पर बनाई बढ़त
मुलायम सिंह यादव के भतीजे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव भी जीत से चंद कदमों की दूरी पर हैं। जिला पंचायत सीट पर वह 3780 मतों से आगे चल रहे हैं। 10वें राउंड की मतगणना में अभिषेक को 4125 मत मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राहुल यादव को 345 मत मिले। अभिषेक यादव सैफई द्वितीय से उम्मीदवार हैं। वह यहां से निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं।
सैफई ग्राम पंचायत प्रधान पद का रिजल्ट हुआ घोषित, सपा परिवार के करीबी रामफल वाल्मीकि को 3877 वोट मिले
सैफई में पंचायत चुनाव में ऐसा पहला अवसर है जब सपा परिवार के समर्थित प्रत्याशी के विरुद्ध किसी अन्य ने पर्चा भरा था, अभी तक 1971 से मुलायम के मित्र दर्शन सिंह निर्विरोध प्रधान बनते आये थे दर्शन सिंह की मौत के बाद इस चुनाव में सैफई की सीट आरक्षित हो गई थी, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव के करीबी रामफल वाल्मीकि को सपा परिवार के तरफ से सैफई प्रधान पद का पर्चा भरवाया गया था। लेकिन रामफल के विरोध में एक अन्य प्रत्याशी विनीता देवी के पर्चा भर देने से सैफई प्रधान पद को लेकर राजनीति गरमा गई थी।





