Two associates of SRS Group chairman arrested
एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिदल के दो साथी गिरफ्तार
एसआरएस का पूरा नाम ‘सब रहो साथ’ है। इसके चेयरमैन अनिल जिदल ने लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये निवेश करा लिए। निवेशकों को लगातार उच्च दर पर ब्याज का भुगतान करता रहा। लोगों का भरोसा कंपनी पर बढ़ता गया और एक के बाद एक निवेशक जुड़ते चले गए। एक समय ऐसा था जब फरीदाबाद, पलवल, दिल्ली व गुरुग्राम के लोग भी एसआरएस ग्रुप पर आंख मूंदकर विश्वास करते थे।
रियल एस्टेट, सिनेमा, फाइनेंस, हेल्थ केयर, माइनिग व ज्वैलरी कारोबार से जुड़ी एसआरएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन अनिल जिदल के एक खासमखास धीरज गुप्ता सहित विनीत गुप्ता को पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। धीरज गुप्ता को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 1 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। विनीत को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। धीरज को एसआरएस ग्रुप की लगभग कई नामी/बेनामी कंपनियों में निदेशक बनाया हुआ था। धीरज पर 2015 में एक निवेशक से करीब 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। आरोपित के हस्ताक्षर के बाद शिकायतकर्ता के पैसे एसआरएस ग्रुप को ट्रांसफर किए गए थे। निवेशक को न फ्लैट मिला और न ही पैसे। इसके बाद इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। अब अनिल जिदल के कुछ अन्य साथियों के भी शीघ्र गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
बता दें अनिल जिदल व उसके साथियों पर लोगों से कई तरीके से धोखाधड़ी का आरोप हैं। बड़ी संख्या में लोगों को रियल एस्टेट में मोटे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये निवेश कराए गए, बाद में ना रुपया वापस किया ना ही फ्लैट या दुकान दी गई। बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है, जिन्हें हर महीने मोटे ब्याज का लालच देकर निवेश कराया गया। बाद में ब्याज देना बंद कर दिया और मूल रकम लौटाने से भी पल्ला झाड़ लिया। आरोपितों के खिलाफ करीब ढाई साल पहले एसआरएस पीड़ित मंच ने अनेकों शिकायतें दी थीं, जिनमें से दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अनिल जिदल व इसकी कंपनी के कई निदेशक सहित अन्य साथी नीमका जेल में बंद हैं। आर्थिक अपराध शाखा लगातार इन मामलों से जुड़े हुए आरोपितों को गिरफ्तार कर रही है।





