Tripathi vs Tripathi in Deoria
देवरिया में त्रिपाठी बनाम त्रिपाठी: भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार पर खेला दांव
बीते कुछ महीनों से प्रदेश में सियासी मुद्दा बने ब्राह्मणों को राजनीतिक संदेश देने की कोशिश में विभिन्न दलों ने कुछ ऐसा रंग दिखाया कि देवरिया में चुनावी लड़ाई ब्राह्मण बनाम ब्राह्मण ही नहीं बनी, बल्कि त्रिपाठी बनाम त्रिपाठी की रोचक जंग में तब्दील हो गई है। भाजपा ने उपचुनाव में देवरिया विधानसभा सीट पर डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाकर ब्राह्मण समीकरण साधने की कोशिश की है तो सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने मुकुंद भाष्कर मणि त्रिपाठी और बसपा ने अभयनाथ त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अभयनाथ त्रिपाठी 2017 में भी बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे और तीसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा ने मंगलवार को जो छह उम्मीदवार घोषित किए थे, उनमें दो ठाकुर, दो पिछड़े (एक-एक जाट-कुर्मी) और दो अनुसूचित जाति के थे।
ब्राह्मण समीकरण साधने की कोशिश
भाजपा के रणनीतिकारों ने देवरिया में ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर सामाजिक समीकरण साधने की भी कोशिश की है। भाजपा पर ब्राह्मणों की उपेक्षा के आरोपों को गलत साबित करने का प्रयास भी किया है। हालांकि, यह तो भविष्य बताएगा कि देवरिया का ब्राह्मण मतदाता किसे ब्राह्मणों का असली हितैषी होने का प्रमाण पत्र देता है, लेकिन चुनावी लड़ाई में इस सीट पर चली जाने वाली सियासी चालें और आरोप-प्रत्यारोप देखने वाले होंगे।
सपा का पिछड़ों पर दांव
सपा ने प्रत्याशियों में संतुलन बनाने की कोशिश की है लेकिन उसका दांव पिछड़ों, अति पिछड़ों पर ज्यादा है। सपा ने 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। गठबंधन में एक सीट पर रालोद चुनाव लड़ रहा है। सपा-रालोद गठबंधन ने तीन पिछड़े, दो अनुसूचित जाति और एक-एक ब्राह्मण व मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। बांगरमऊ में सपा, भाजपा व बसपा तीनों के ही प्रत्याशी पिछड़े वर्ग के हैं। यहां कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है।
कांग्रेस का ब्राह्मण कार्ड
उपचुनाव की 7 सीटों में से कांग्रेस ने उन्नाव, देवरिया व जौनपुर की मल्हनी में ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं। दो सुरक्षित सीटों घाटमपुर व टूंडला में अनुसूचित जाति और बुलंदशहर व नौगांवा सादात (अमरोहा) में पिछड़े वर्ग (जाट) उम्मीदवार उतारे हैं।
बसपा ने दो-दो ब्राह्मण, दलित व मुस्लिम उतारे
बसपा ने ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम व पिछड़ा समीकरण बनाने की कोशिश की है। उसने दो-दो उम्मीदवार अनुसूचित जाति, ब्राह्मण, मुस्लिम उतारे हैं। एक प्रत्याशी पिछड़े वर्ग से है।





