Survey started to acquire land for second phase of Jewar Airport
एयरपोर्ट के दूसरे चरण की भूमि अधिगृहीत करने के लिए सर्वे शुरू
नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण की 1365 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए सोशल इपैंक्ट असेस्मेंट (एसआईए) सर्वे शुरू हो गया है। शुक्रवार से गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की टीम ने सर्वे शुरू किया। पहले दिन एयरपोर्ट प्रभारी और उपजिलाधिकारी जेवर के साथ रन्हेरा गांव में सर्वे किया गया। जिसमें जमीन अधिग्रहण से स्थानीय निवासियों के जीवन पर पड़ने वाले सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक प्रभावों की जानकारी जुटाई जाएगी।
जीबीयू की टीम को छह गांवों के किसानों का सर्वे 31 जुलाई तक पूरा करना है। पहले सर्वे 15 जून तक पूरा करने लक्ष्य रखा गया था लेकिन कोरोना के चलते काम शुरू नही हो पाया। जेवर एयरपोर्ट पर कुल पांच रनवे और मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉलिंग सेंटर बनाया जाना है। प्रथम चरण में दो रनवे बनाने का जिम्मा ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को मिला है। अब तीसरा रनवे और एमआरओ सेंटर बनाने के लिए रन्हेरा में 458 हेक्टेयर, दयानतपुर में 145 हेक्टेयर, करौली बांगर में 160 हेक्टेयर, कुरैब में 326 हेक्टेयर, बीरमपुर में 49 हेक्टेयर, मुढरह में 47 हेक्टेयर और 179 हेक्टेयर सरकारी जमीन ली जानी है।
एयरपोर्ट के लिए दूसरे चरण में सबसे अधिक जमीन रन्हेरा गांव की 458 हेक्टेयर अधिगृहीत की जानी है। सोशल इंपैक्ट असेस्मेंट (एसआईए) रिपोर्ट तैयार करने के लिए जीबीयू के प्रोफेसर डा. विवेक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. ओमप्रकाश और डॉ. अमित अवस्थी की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है।
उपजिलाधिकारी जेवर व एयरपोर्ट प्रभारी रजनीकांत मिश्र ने बताया कि छह गांवों की 1186 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की जानी है। शुक्रवार से जीबीयू की टीम ने सोशल इंपैक्ट असेस्मेंट (एसआईए) रिपोर्ट करने के लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। बाकी बची हुई 179 हेक्टेयर सरकारी जमीन सीधे एयरपोर्ट को दी जाएगी।
30 जून तक किसानों से कब्जा खाली करने में जुटा प्रशासन
प्रथम चरण की अधिगृहीत 1239 हेक्टेयर जमीन से 7 गांवों के किसानों को विस्थापित कर जेवर बांगर में बसाने का काम चल रहा है। करीब तीन हजार परिवारों में से लगभग 1600 परिवारों ने अपने मकान खाली कर कब्जा छोड़ दिया है। वहीं बाकी बचे परिवारों से प्रशासन ने 30 जून तक कब्जा खाली कराने का फैसला लिया है। वहीं नगला गनेशी से तहसील प्रशासन पहले ही कब्जा खाली करा चुका है।





