Seeing the minister the village would improve further
मंत्री जी, देखते तो और सुधर जाते बदायूं के गांव
नमामि गंगे योजना .. मोदी और योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट। सराहनीय सोच और अच्छी पहल, ताकि गंगा को प्रदूषण से मुक्त किया जा सके। गंगा किनारे बसे गांवों को सही से विकसित किया जा सके। गंगा के प्रति आस्था को और बढ़ावा देने के लिए नमामि गंगे यात्रा का कार्यक्रम तय हुआ तो योजना में शामिल सभी 67 गांवों में मंडल भर का अमला जुट गया। शुरूआती कोशिशों से हालात कुछ बदले हैं, मगर अभी गुंजाइश भी है।
चयनित गांव में गंगा चबूतरा बन गए, अभी फर्श पड़ने का इंतजार है। ग्रामीणों का कहना था कि हालात तो बदल रहे मगर लगातार इसी गति से काम होते रहें तभी योजना का सही रूप में क्रियान्वयन हो सकेगा। कछला में कई मंत्री आए, गांव की ओर से भी झांक जाते तो हालात एकदम सुधर जाते।
बुधवार को कछला घाट पर आयोजन की भव्य तैयारियां हो रही थीं, उससे महज दो किमी दूर बसे गांव खजुरारा पुख्ता से सरकारी अमला जा चुका था। सीसी रोड अधबनी पड़ी थी, क्योंकि बारिश के कारण काम रोक दिया गया। गांव का मुख्य मार्ग पक्का तो था, लेकिन ऊबड़-खाबड़ गड्ढों में पानी भरा हुआ था। गांव की बाहरी साइड में योजना के तहत गंगा चबूतरा का निर्माण करा दिया गया, फर्श पड़ना बाकी है। इसके बाद ही गंगा आरती हो सकेगी। गंगा तालाब की सफाई का काम होना बाकी है। गांव वालों ने बताया कि चार दिन पहले यहां अधिकारी आए थे। उम्मीद है कि योजना के अधूरे काम जल्द पूरे होंगे।
क्या बोले ग्रामीण::
गांव में थोड़े दिन पहले सांसद आई थीं। उन्होंने नमामि गंगे यात्रा के बारे में बताया था, कहा था कि गांव में सभी काम पूरे हो जाएंगे। गंगा चबूतरा, गंगा तालाब, गंगा मैदान यात्रा से पहले ही तैयार हो जाएगा, लेकिन अब तक यहां कोई ऐसा काम नहीं हुआ है। – दिनेश कुमार, खजुरारा पुख्ता
नमामि गंगे योजना में गांव शामिल हुआ था तो उम्मीद थी कि गांव अच्छी तरह से विकसित हो जाएगा। शुरूआत में काम भी काफी हुआ, लेकिन शौचालय निर्माण को छोड़कर बाकी काम आधे-अधूरे हैं। गंगा यात्रा में शामिल मंत्री यहां आ जाते तो अधूरे काम भी पूरे हो जाते। – मुकेश कुमार, खजुरारा पुख्ता
कछला गंगा घाट से सटा गांव है, नमामि गंगे योजना में भी शामिल है। यहां पर समय-समय पर जनप्रतिनिधि और अधिकारी आते हैं तो विकास के तमाम दावे कर जाते हैं इसके बाद भी आधे-अधूरे इंतजाम हुए हैं। गंगा मैदान, गंगा तालाब, कचरा प्रबंधन के यहां इंतजाम नहीं हैं। – रामदास, खजुरारा पुख्ता
नमामि गंगे यात्रा के आने से गांव में कुछ काम तो आनन-फानन में कराए गए, लेकिन वह पूरे नहीं हो पाए हैं। ऐसे में गंगा यात्रा में शामिल मंत्री यहां किसी गांव को करीब से देखने आ जाते तो कई गांव में विकास के द्वार खुल जाते। – भूरे, खजुरारा पुख्ता





