Samajwadi Party will not give tickets to people of criminal background
आपराधिक छवि वालों को समाजवादी पार्टी नहीं देगी टिकटः अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में सड़क से लेकर जेल तक अपराधियों के सत्ता संरक्षित सिंडीकेट से संचालित हो रहे हैं। जबकि अपराधियों को राजनीति में आने से रोकना चाहिए। इसी उद्देश्य से सपा ने खराब छवि वालों को टिकट न देने का निर्णय पहले ही ले लिया है।
उन्होंने कहा कि पारदर्शी एवं स्वच्छ राजनीति के लिए राजनीतिक दलों एवं सरकार को स्वस्थ परंपराओं का निर्वाह करना चाहिए। सार्वजनिक जीवन की ऐसी व्यवस्था ही समाज और राष्ट्र हित में है। लेकिन भाजपा राज में अपराध और अपराधियों पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता और उनके रिश्तेदार मर्जी के मालिक बन गए हैं। उनमें कानून का भय नहीं रह गया है। अपराधियों के मन इतने बढ़ गए हैं कि सिद्धार्थनगर जिला कारागार में कमीशन देकर जेल में बाहर से रकम मंगवाने का रैकेट सामने आया है। अलीगढ़ में पूर्व मेयर के पति व भाजपा नेता को चेकिंग के दौरान हेलमेट न पहनने पर जब पुलिस ने रोका तो उन्होंने धमकी दी।
प्रयागराज में दरोगा के बेटों ने किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति है। अखिलेश ने कहा कि कोरोना काल में सरकार लोगों को रोजी-रोटी की गारंटी देने में नाकाम साबित हुई है। हताशा व निराशा में लोग मौत को गले लगा रहे हैं। गोरखपुर में रविवार को एक युवक ने परेशान होकर जहर खा लिया तो बड़हलगंज में महिला ने फांसी लगा ली। बाराबंकी में भी एक दंपती दो बच्चों सहित संदिग्ध हालात में मृत पाए गए।
अखिलेश यादव बोले, पुलिस के सामने से ही फिरौती ले गए अपहरणकर्ता, इन पर किसका हाथ
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि कानपुर किडनैपिंग केस में अपहरणकर्ता पुलिस के सामने से ही फिरौती लेकर चले गए। इन लोगों के सिर पर किसका हाथ हैं? उन्होंने आगे ट्वीट किया कि लगता है भाजपा सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है।
दरअसल, यूपी के कानपुर में किडनैप हुए टेक्नीशियन के बारे में 23 दिन बाद भी जानकारी नहीं मिल सकी है। परिजनों ने युवक को बचाने के लिए अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये की फिरौती भी दे दी लेकिन युवक वापस नहीं लौटा, जिस पर अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया कि
कानपुर में अपहरण की घटना के बाद बेबस व मजबूर परिजनों द्वारा सूचित करने के बावजूद पुलिस के सामने से फिरौती की रकम ले जानेवालों के ऊपर आख़िर किसका हाथ है कि उन्हें पुलिस का भी डर नहीं है. लगता है उप्र की भाजपा सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है.
#नहीं चाहिए भाजपा
#NoMoreBJP
परिजनों ने आरोप लगाया कि अपहरणकर्ता 29 जून से लगातार फोन कर रहा था लेकिन फिर भी पुलिस उसे ट्रेस नहीं कर पाई।
किसानों की तबाही से भाजपा को लेना-देना नहीं, लगातार कर रही इनके साथ छलः अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा को किसानों की तबाही से कोई परेशानी नहीं है। वह लगातार किसानों से छल कर रही है। कोरोना संकट के बहाने वह बड़े उद्यमियों की दिक्कतें दूर करने में ही व्यस्त है। पिछले दिनों बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और बिजली गिरने के संकट से हुए नुकसान से किसान उबर नहीं पाए थे कि बाढ़ और टिड्डी दल के प्रकोप ने उनकी परेशानियों में भारी वृद्धि कर दी है।
अखिलेश ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की कहीं खरीद नहीं हुई। बहुत जगहों पर तो क्रय केंद्र ही नहीं खुले। जहां खुले थे, वहां किसान को किसी न किसी बहाने से ऐसे परेशान किया गया कि वह बिचौलियों और आढ़तियों को ही उत्पाद बेच दें।
उन्होंने कहा कि किसानों का हित करने के नाम पर भाजपा सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए, जिसकी खेती-किसानी में बहुत जरूरत होती है। बिजली के दाम भी बढ़ाए दिए गए। गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा गन्ना मूल्य बकाया है। मंडियों को लेकर भी भाजपा सरकार गंभीर नहीं है। बिचौलियों के लिए उन्हें ही समाप्त किया जा रहा है। पूरे देश में खुले बाजार का किसान क्या ओढ़ेगा, क्या बिछाएगा?
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात से किसानों को भारी क्षति पहुंची है। सपा ने किसानों को मुआवजे में देने की मांग उठाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने मौन साध लिया। बुंदेलखंड व बृज क्षेत्र में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली। आकाशीय बिजली गिरने से भी कई लोग मारे गए। किसान की आय दोगुनी करने का दावा 2022 तो छोड़िए 2024 तक भी नाउम्मीदी ही रहेगा। किसानों को उत्पादन लागत भी नहीं मिल रही है।
अखिलेश ने कहा कि देवरिया, बहराइच समेत कई जिलों में बाढ़ से हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। भाजपा सरकार किसानों की तत्काल मदद करने की जगह अभी नुकसान के आंकलन के फेर में ही पड़ी है। किसान को कुछ नही देने का यह अच्छा बहाना है। इधर, प्रदेश में टिड्डियों का भी जबर्दस्त हमला हुआ। हजारों बीघा फसल वे देखते-देखते सफाचट कर गईं। सरकार सिर्फ ढोल पीटने और शोर मचाकर उन्हें भगाने में ही अपना कौशल दिखाती रही।





