Road scam in Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश के योगी राज में ‘हवा’ में सड़कें बना दी गई, 43.95 करोड़ का घपला
बस्ती में ‘हवा’ में 300 सड़कें बना देने के मामले में 18 और इंजीनियरों पर जल्द कार्रवाई होगी। इस मामले में एक एक्सईएन को बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि दो सहायक अभियंताओं (एई) का दोष साबित हो चुका है। वर्ष 2017-18 और 2018-19 में बस्ती में 300 से ज्यादा सड़कों के निर्माण के लिए धनराशि दी गई थी। जब मौके पर काम नहीं हुआ तो स्थानीय विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत की। ये गड़बड़ियां बस्ती के प्रांतीय खंड, पीडब्ल्यूडी के अधीन आने वाले क्षेत्र में मिलीं।
‘हवा’ में सड़कें बनाने वाले 18 और इंजीनियरों पर कार्रवाई जल्द
मुख्यालय ने जांच कराई तो 43.95 करोड़ रुपये का घपला मिला। कहीं बिना सक्षम स्तर की स्वीकृति के ही सड़क निर्माण दिखा दिया गया और कहीं काम कराए बिना ही भुगतान ले लिया गया। इस मामले में दोषी एक्सईएन आलोक रमण को बर्खास्त कर दिया गया है। दो सहायक अभियंता विनय कुमार राम और अरविंद कुमार आर्या को भी जांच अधिकारी ने दोषी ठहराया है।
विनय कुमार राम इसी मामले में सस्पेंड चल रहे हैं। अरविंद कुमार आर्या को भी निलंबित किया गया था, पर कोर्ट के आदेश से फिलहाल वह बहाल होकर मुख्यालय से अटैच हैं। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों सहायक अभियंताओं से प्रक्रिया के तहत जांच रिपोर्ट पर अभ्यावेदन (पक्ष) मांगा गया है। जवाब आते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घपले में 17 अवर अभियंताओं (जेई) को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें से एक जेई की मौत हो चुकी है। मामले की जांच पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता, ग्रामीण सड़क एके जैन कर रहे हैं। संपर्क किए जाने पर जैन ने बताया कि संबंधित अवर अभियंताओं को आरोपपत्र दिए जा चुके हैं। जवाब देने के लिए जिन अवर अभियंताओं ने अभिलेख मांगे थे, उन्हें ये मुहैया करा दिए गए हैं। शीघ्र ही जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।





