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छात्र-छात्राओं
Bureau | January 27, 2020 | 0 Comments

Principal Ranjana Yadav changed the picture of the primary School

बदायूं की प्रधानाध्यापक रंजना यादव ने छात्रों की तकदीर ही नहीं, विद्यालय की तस्वीर भी बदली

दूर गांव में कोई शिक्षक जाकर बच्चों को पढ़ाना ही नहीं चाहता। किसी की पोस्टिंग हो गई तो वह किसी तरह शहर की तरफ भागना चाहता है। लेकिन इससे जुदा म्याऊं के प्राथमिक विद्यालय ढका प्राचीन की प्रधानाचार्य रंजना यादव ने तो शहर से तीस किलोमीटर दूर जाकर विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी है। यहां हर कमजोर बच्चे को चिह्नित करके उसकी तकदीर बदलने की कोशिश तो होती ही है, विद्यालय की रंगत भी बिना किसी सरकारी मदद के बदल दी है।

विद्यालय में प्रवेश करते ही लगता ही नहीं कि हम किसी सरकारी स्कूल में आ गए हैं। विद्यालय का अनुशासन और रख-रखाव किसी कॉन्वेंट स्कूल जैसा ही नजर आएगा। न शोहरत की चिंता और न ही है दिखावा। प्रतिदिन शहर से तीस किमी दूर विद्यालय आकर शात तरीके से बच्चों को शिक्षा। विद्यालय से बच्चे के लगातार दो दिन गायब रहने पर उसके माता-पिता से संपर्क करना। कमजोर बच्चों को अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करके पढ़ाना। यह रंजना की दिनचर्या में शामिल है। अपनी तैनाती के बाद रंजना यादव ने विद्यालय की बदहाली देखी तो विभाग से बजट मिलने का प्रयास किया। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद निजी सहयोग और अपने वेतन से करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च करके कई कार्य कराए। पूरे परिसर में इंटरलॉकिंग कराई। वरिष्ठ समाजसेवी ओमेंद्र प्रताप सिंह के ईंटें दान करने के बाद विद्यालय की मरम्मत कराई। स्वच्छ पेयजल के लिए सबमर्सिबल की व्यवस्था की। सुरक्षा की दृष्टि से विद्यालय की चहारदीवारी को ऊंचा कराने का प्रयास कर रही हैं। गेट में प्रवेश करते ही महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर लिखाए गए हैं। महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।

कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान

विद्यालय में बच्चों में से पढ़ाई में अच्छे व कमजोर बच्चों को विभाजित कर लेती हैं। कमजोर बच्चों की अतिरिक्त कक्षा लगाती हैं। जिसका फल है कि जिला प्रशासन की ओर से कराई गई जिला स्तरीय दक्षता परीक्षा में उनके विद्यालय के छात्र सुमित कुमार ने जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। बच्चों से मित्रवत व्यवहार रहता है। अभियान चलाकर नामाकन कराया जाता है। जिसमें शिक्षक रविंद्र कुमार सैनी का विशेष योगदान रहता है। जो विद्यालय का समय समाप्त होने पर भी बच्चों को अतिरिक्त जानकारी देते हैं। उनके अलावा शिक्षामित्र राधा व अनीता यादव के सहयोग से भी विद्यालय में सुधार के बेहतर प्रयास हो रहे हैं।

क्यारी बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश

विद्यालय में क्यारिया बनाकर पर्यावरण का संदेश दिया जा रहा है। मौसम के अनुरूप इसमें पौधे लगाए जाते हैं। प्रधानाचार्य खुद तो नियमित पानी लगाती हैं। सफाई के लिए अपने वेतन से निजी व्यक्ति की तैनाती कर रखी है। समय-समय पर क्यारी में नए पौधे लगाए जाते हैं।

पिता से मिली कुछ अलग करने की प्रेरणा : रंजना यादव

प्रधानाध्यापिका रंजना यादव बताती हैं कि पिता ओम प्रकाश यादव जिला हरदोई के जूनियर हाईस्कूल से सेवानिवृत्त हुए। बचपन से ही पिता को स्कूल में बच्चों का भविष्य संवारते देखा था, उन्हीं से प्रेरणा मिली कि विद्यालय में कुछ अलग हटकर किया जाए, ताकि प्राइमरी के बच्चों को भी कॉन्वेंट की तरह शिक्षा मिल सके। इसलिए अतिरिक्त प्रयास करना शुरू किया। शुरूआत में थोड़ी दिक्कत जरूर आई, लेकिन बाद में स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिलने लगा और विद्यालय का माहौल बदल गया।

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