Power employees oppose for stopping dearness allowance
महंगाई भत्ता फ्रीज किए जाने का बिजलीकर्मियों ने किया विरोध, कहा- तत्काल वापस लें आदेश
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 18 माह का महंगाई भत्ता फ्रीज किए जाने और अन्य भत्तों को रोकने का विरोध किया है। संघर्ष समिति ने केंद्र और राज्य सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और आदेश तत्काल वापस लेने की मांग की है।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने जारी साझा बयान में कहा कि इस फैसले से कोविड -19 महामारी के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रहे कर्मियों को भारी निराशा हुई है।
बता दें कि कोविड-19 महामारी का साइड इफेक्ट नजर आना शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की तर्ज पर अगले डेढ़ साल के लिए राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता (डीए) व महंगाई राहत (डीआर) न बढ़ाने का फैसला किया है।
इसके अलावा छह अन्य भत्तों का भी भुगतान इसी अप्रैल से मार्च-2021 तक स्थगित कर दिया है। इससे सरकार के खजाने से करीब 10 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। फैसले से प्रदेश के करीब 16 लाख कर्मियों और 11.82 लाख पेशनरों को झटका लगेगा।
प्रदेश के राजस्व में कमी आने का दिया तर्क
अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश सरकार के राजस्व में कमी आई है। कोविड-19 से निपटने के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डीए, डीआर न बढ़ाने और 6 भत्ते स्थगित करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन छह भत्तों का भुगतान स्थगित किया गया है, केंद्र अपने कर्मियों को इसका भुगतान नहीं करती है।





