Patient didn’t get treatment at government hospital in Mainpuri in Yogiraj
उत्तर प्रदेश के योगी राज में मैनपुरी में सरकारी अस्पताल में बीमार बेटे को लेकर भटकता रहा गरीब पिता, नहीं मिला इलाज
उत्तर प्रदेश के योगी राज में मैनपुरी के जिला अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की अनदेखी की जा रही है। शुक्रवार को बुखार से पीड़ित होने पर अस्पताल पहुंचे पांच वर्षीय बालक को उपचार नहीं मिल सका। पीड़ित का पिता अस्पताल के चक्कर काटता रहा। बाद में उसने एक परिचित से एक हजार रुपये उधार लेकर बीमार पुत्र को निजी अस्पताल में इलाज कराया।
कुर्रा थाना क्षेत्र के गांव मानपुर पतारा निवासी सूरजपाल शुक्रवार को अपने गांव से पत्नी आशू को जिला महिला अस्पताल में उपचार दिलाने जा रहा था। उनके साथ उनका पांच वर्षीय पुत्र कन्हैया भी था। रास्ते में बस में यात्रा के दौरान कन्हैया को तेज बुखार आ गया और उसका पूरा शरीर कांपने लगा।
सूरजपाल बीमार पुत्र कन्हैया को लेकर सुबह 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचा। पीड़ित के अनुसार यहां जब वो कक्ष संख्या पांच में पहुंचे तो यहां मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को इमरजेंसी में भर्ती कराने की सलाह दी। जब वो इमरजेंसी पहुंचा तो उनके बच्चे को फिर से पांच नंबर कमरे में भेज दिया।
इधर-उधर भटकता रहा पिता
जब वो दोबारा कक्ष संख्या पांच में पहुंचे तो उनके बच्चे को फिर से इमजेंसी भेज दिया गया। करीब एक घंटे तक इधर से उधर जाने में जब वो थक गया तो किसी ने उन्हें पास में ही संचालित एक निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। बुखार से कांप रहे बच्चे को लेकर पति-पत्नी प्राइवेट अस्पताल पहुंचे।
यहां आनन फानन बच्चे को उपचार तो मिला, लेकिन बिल 21 सौ रुपये का बन गया। बिल भुगतान के लिए सूरजपाल के पास रुपये नहीं थे। इसी बीच उसे एक परिचित मिल गया, जिससे उसने एक हजार रुपये उधार लिए। सूरजपाल ने सरकारी सिस्टम को कोसते हुए कहा कि यह किस बात का अस्पताल है, जहां गरीबों के बच्चों के लिए उपचार तक नहीं है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. आरके सागर ने बताया कि इस संबंध में जानकारी नहीं है। कोई शिकायत भी नहीं मिली है। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी। ऐसा हो नहीं सकता कि बच्चा अस्पताल आया हो और फिर उसे भर्ती न किया गया हो। यदि कहीं लापरवाही हुई तो संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।





