Not a single hydraulic platform in Smart City Faridabad
राम भरोसे आग से सुरक्षा, 20 लाख की आबादी वाले जिले फरीदाबाद में एक भी हाईड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं
देश की सौ स्मार्ट सिटी में शुमार फरीदाबाद में आग से सुरक्षा की बात करें तो व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। तेजी से विकसित हो रहे ग्रेटर फरीदाबाद में हजारों बहुमंजिला इमारतें हैं। जिनमें लाखों की आबादी रह रही है। इसके साथ लगातार नई-नई इमारतें बन भी रही हैं, लेकिन आग से सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। करीब 20 लाख की आबादी वाले जिले में दमकल विभाग के पास मात्र नौ गाड़ियां ही हैं। हालात ये हैं कि जरा सी आगजनी पर ही दूसरे जिलों से गाड़ियां मंगवानी पड़ती हैं। ऐसे में यदि किसी बहुमंजिला इमारत में आग लगी तो लोगों की जिंदगी को बचाना काफी मुश्किल हो सकता है।
जिला अग्निशमन अधिकारी आरएस दहिया का कहना है कि शहर की आबादी और इमारतों की ऊंचाई को देखते हुए यहां हाईड्रोलिक प्लेट फार्म, फोम टेंडर व वॉटर टेंडर की भारी कमी है। स्टाफ को लेकर भी जिले में भारी समस्या है। जिले में मात्र 60 कर्मचारी हैं। जबकि दमकल विभाग में करीब 180 पद खाली पड़े हैं। इसमें सबसे ज्यादा कमी फायर ऑपरेटर की है। इसके साथ ही फायर मैन, सब फायर अधिकारी, फायर अधिकारी के पद भी खाली हैं।
उन्होंने बताया कि शहर में आग की घटना होने पर दूसरे जिलों से गाड़ियां मंगवानी पड़ती हैं। उन्हें आने में समय लगने के कारण आग पर काबू पाने में कई बार समय भी लग जाता है। इसके साथ ही अलग अलग तरह की आग पर काबू के लिए केवल पानी से बात नहीं बनती। इसके लिए फोम टेंडर व अन्य सुविधाएं भी जरूरी हैं। शहर में हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म एक भी नहीं है। पूरे प्रदेश में केवल तीन ही हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म हैं, जिसमें से दो गुरुग्राम और तीसरा पंचकूला में है। ऊंची इमारतों तक पानी पहुंचाने का जिले में व्यापक प्रबंध नहीं है। संवाद
जिले में केवल नौ ही गाड़ियां
जिले में फिलहाल नौ बड़ी गाड़ियां, तीन छोटी गाड़ी और तीन बुलेट मोटरसाइकिल हैं। जबकि नियमों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में प्रत्येक साढ़े सात किलोमीटर पर एक फायर स्टेशन होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पचास हजार की आबादी पर एक दमकल गाड़ी होनी चाहिए। भीड़भाड़ वाले इलाकों में आग बुझाने के लिए छोटी गाड़ियां और मोटरसाइकिल अतिरिक्त होनी चाहिए।





