No cycles seen running on cycle track in Faridabad
फरीदाबाद में लाखों खर्च हुए, लेकिन चार साल में ट्रैक पर नहीं दौड़ सकी साइकिलें
फरीदाबाद के लोगों की सेहत और साइकिल चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने 25 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2016 में सेक्टर-11 व 12 डिवाइडिंग रोड पर साइकिल ट्रैक बनवाया था।
लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद ट्रैक पर चार साल में एक भी दिन साइकिल तो नहीं चली, बल्कि वहां पंचर लगाने वाले, चाय व पान के खोखे वालों ने कब्जा कर अतिक्रमण जरूर कर लिया है। एचएसवीपी कार्यालय पास होने के बाद भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को इस ट्रैक पर तीन चरणों में काम करना था। पहले चरण में डिवाइडिंग रोड पर साइकिल ट्रैक बनाने के बाद दूसरे चरण व तीसरे चरण में बाइपास रोड और बाकी सेक्टरों को कवर किया जाना था।
ट्रैक के साथ-साथ छायादार पेड़ भी लगाने थे, ताकि गर्मी के दिनों में छांव मिले। शहर का एकमात्र साइकिल ट्रैक होने के बावजूद प्राधिकरण ने इसकी पहचान के लिए कोई बोर्ड नहीं लगवाया है।
ऐसे में यहां से गुजरने वाला कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि यह साइकिल ट्रैक है। यदि सब कुछ सही होता तो इसका उपयोग सेक्टर-7, 8, 9, 10 व 11 सहित 14, 15 के लोग भी करते। करीब एक किलोमीटर लंबे और पांच फुट चौड़े इस साइकिल ट्रैक का उपयोग नहीं हो रहा है।
दुकानों की ओर नहीं है अधिकारियों का ध्यान
लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए साइकिल ट्रैक पूरी तरह से अतिक्रमण का शिकार हो गए हैं। ट्रैक पर भाजपा विधायक नरेंद्र गुप्ता के कार्यालय के पास ही टायर पंचर लगाने वाले ने अपनी दुकान लगा ली है।
इससे थोड़ा आगे ही चाय वाले का खोखा है तो उसके साथ ही एक युवक रेहड़ी पर पानी बेचता नजर आ जाता है। राजमार्ग से थोड़ी दूर साइकिल ट्रैक पर ही तंबू लगाकर शर्तिया इलाज करने वाले झोलाछाप भी बैठे हुए हैं।
इस रोड से रोजाना हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी निकलते होंगे, मगर कोई भी साइकिल ट्रैक की दुर्दशा पर ध्यान देने को तैयार नहीं है।
एचएसवीपी के कार्यकारी अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि साइकिल ट्रैक पर अतिक्रमण कैसे हुआ, इसकी जांच करवाई जाएगी। संबंधित एसडीओ व जेई को हटवाने के लिए कहा जाएगा, ताकि लोग साइकिल ट्रैक की सुविधा ले सकें।





