New born baby died due to lack of treatment in Yogi Government
फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में ढाई घंटे तक तड़पती रही सोनम यादव, इलाज न मिलने से नवजात की मौत
उत्तर प्रदेश के योगी राज में फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई। प्रसूता कई घंटे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए तड़पती रही। लेकिन स्टाफ इलाज देने के बजाय बाहर निकाल दिया। महिला का पति किसी तरह जलेसर रोड स्थित एक निजी चिकित्सक के पास महिला को ले गया।
यहां मृत बच्चा पैदा हुआ लेकिन महिला किसी तरह बच गई। मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में हंगामा हुआ। एमएलसी डा. दिलीप यादव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सीएमएस को लापरवाही करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई को पत्र लिखा है। सीएमएस ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
सोमवार सुबह दस बजे नगला भाऊ निवासी सोनम यादव पत्नी सनी यादव को प्रसव पीड़ा के दौरान पति मेडिकल कॉलेज के महिला विभाग में लाया था। महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन किसी भी कर्मचारी ने भर्ती नहीं किया। न ही कोई इलाज मुहैया कराया। महिला के पति का कहना है कि फाइल बनाने के नाम पर प्रसव पीडा से परेशान उसकी पत्नी को बैठाए रखा जबकि उसे ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। ढाई घंटे बाद भी स्टाफ ने फाइल नहीं बनाई और सोनम को अस्पताल से बाहर कर दिया।
सनी का कहना है कि उसने अपने पड़ोसी समाजवादी पार्टी एमएलसी डा. दिलीप यादव से स्टाफ की फोन से बात करानी चाही लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने बात करने से मना कर दिया। प्रसूता के पति ने बताया कि स्टॉफ के लोगों से कई बार इलाज देने को कहा लेकिन स्टाफ के लोग अभद्रता करने लगे।
पत्नी की हालत अधिक खराब होने पर वह जलेसर रोड स्थित निजी अस्पताल में किसी तरह लेकर आया। यहां आते ही सोनम को प्रसव हो गया लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ। वह पत्नी और मृत बच्चे को लेकर घर आ गया। मंगलवार को सुबह पूरे घटनाक्रम की जानकारी उसने एमएलसी डा. दिलीप यादव को दी। एमएलसी डा. दिलीप महिला को लेकर मेडिकल कॉलेज आ गए।
उन्होंने सीएमएस डा. आलोक से कहा कि महिला के प्रसव के संबंध में सोमवार को ही उन्होंने फोन करके मदद करने को कहा था फिर भी इतनी बड़ी लापरवाही हुई। यहां हंगामे की स्थिति बन गई। महिला सीएमएस सहित अन्य स्टाफ भी मौके पर आ गया। एमएलसी ने सीएमएस को लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
ढाई घंटे तक प्रसूता तड़पती रही उसे भर्ती नहीं किया गया। यदि समय से भर्ती कर लिया जाता तो बच्चे की मौत नहीं होती। यह अमानवीय कृत्य है। उच्चाधिकारी इसका संज्ञान लें। डा. दिलीप यादव – समाजवादी पार्टी एमएलसी
मामला संज्ञान में आया है। प्रसूता को इलाज क्यों नहीं मिला और भर्ती क्यों नहीं किया गया इसकी जांच कराई जा रही है। लापरवाही करने वाले स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डा. साधना राठौर – सीमएस





