Isolation ward of 100 beds could not be completed within 60 days in Agra
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से 60 दिन में भी नहीं तैयार हो पाया 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड
उत्तर प्रदेश में अब तक सबसे अधिक कोरोना संक्रमित आगरा में मिले हैं। फिर भी यहां कोरोना महामारी से निपटने के लिए तैयारियों की चाल कछुआ जैसी है। संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड का दूसरा नया वार्ड शासन के निर्देश के 60 दिन बाद भी तैयार नहीं हो पाया है।
ऐसे कैसे लड़ेंगे कोरोना से: 60 दिन में भी नहीं तैयार हो पाया 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड
यह हाल तब है जब अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा और केंद्र की टीम निरीक्षण कर जल्द नया आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के लिए कह चुकी है। अब मुख्यमंत्री के औचक निरीक्षण की आशंका पर एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग को आनन-फानन में सर्जरी विभाग में शिफ्ट किया जा रहा है।
बाल रोग विभाग की इमारत में बनना है आइसोलेशन वार्ड
बाल रोग विभाग की इमारत में ही 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनना है, लेकिन अभी तक इसमें ही बच्चे भर्ती किए जा रहे थे। नए आइसोलेशन वार्ड की तैयारी भी अधूरी थी, ऐसे में आठ मंजिला इमारत में स्थित सर्जरी विभाग की पहली मंजिला पर इसको शिफ्ट करना शुरू कर दिया है।
आगरा में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले, फिर भी महामारी से निपटने की तैयारियों की ‘कछुआ चाल’
नवजात सघन चिकित्सा कक्ष के वेंटिलेटर, बेबी वार्मर समेत अन्य उपकरणों को भी टेक्नीशियन की टीम की निगरानी में लगाया जा रहा है। चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के लिए चैंबर भी तैयार किए गए हैं। एक-दो दिन में विभाग में मरीज भर्ती होना शुरू हो जाएंगे, तब तक इमरजेंसी में इनका इलाज चलेगा।
बीते महीने दिए गए थे निर्देश
कोरोना के मरीज बढ़ने पर शासन ने एसएन मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का एक और आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए बीते महीने तत्कालीन प्राचार्य को निर्देश दिए थे। इसके लिए बाल रोग विभाग की इमारत भी तय हो गई।
लेटलतीफी और अव्यवस्थाओं के चलते शासन ने 13 मई को तत्कालीन प्राचार्य जीके अनेजा को हटा दिया था। नए प्राचार्य डॉ. संजय काला ने 10 दिन में वार्ड तैयार होने की बात कही, लेकिन अभी तक वार्ड अधूरा ही है।
नए वार्ड में ये व्यवस्थाएं होनी हैं
- कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए 100 बेड की क्षमता।
- संक्रमित मरीजों की गंभीर हालत होने पर 10 बेड का आईसीयू।
- संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव कक्ष।
- संक्रमित मरीजों के किडनी की बीमारी होने पर डायलिसिस कक्ष।
चिकित्सकीय स्टाफ को थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद प्रवेश
एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सकीय स्टाफ थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन होने के बाद ही प्रवेश करेगा। इसके लिए इमरजेंसी में सैनिटाइजर चैंबर लगाया गया है। यह व्यवस्था इमरजेंसी के आगरा कॉलेज के सामने वाले गेट के पास की गई है, यहां से प्रवेश और निकासी केवल स्टाफ के लिए ही है।
वाहन, स्ट्रेचर, इमारत कराए गए सैनिटाइज
एसएन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक, स्टाफ और तीमारदारों के वाहनों को सैनिटाइज कराया गया। इमारत, विभाग और व्हीलचेयर, स्ट्रेचर तक सैनिटाइज किए गए। बिना मास्क और मुंह ढके तीमारदारों को मास्क पहनने की हिदायत दी गई।





