Irregularities in contracts of Pradhanmantri Gram Sadak Yojna
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ठेकों में ‘खेल’, डिबार फर्मों को टेंडर दिए, जांच के आदेश जारी
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ठेकों में सार्वजनिक निर्माण विभाग व ग्रामीण सड़क अभियंत्रण विभाग का खेल सामने आया है। दोनों विभागों ने डिबार ठेकेदार को ठेके दिए, साथ ही ठेका निरस्त होने के बावजूद ठेकेदारों को काम सौंप दिया। उ.प्र. राज्य सड़क विकास अभिकरण (यूपीआरआरडीए) की पड़ताल में खुलासा होने पर ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं।
अभिकरण के सीईओ सुजीत कुमार की पड़ताल में सामने आया कि दोनों कार्यदायी संस्थाओं ने ठेकों में गड़बड़ी की है। सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं करने और रख-रखाव नहीं करने की वजह से जिन फर्मों को डिबार किया गया था, उन्हें वापस काम दे दिया गया। दोनों विभागों ने योजना के तहत सड़क निर्माण के लिए हुए टेंडर को निरस्त किया।
दोबारा निविदा आमंत्रित किए बिना ठेकेदारों को काम सौंप दिया। ऐसे भी मामले सामने आए जब एक फर्म के डिबार होने के बाद उसी प्रोपराइटर की दूसरी फर्म को ठेका दिया गया है। शुरुआती जांच में ऐसे बीस से अधिक मामले सामने आ गए हैं। दो वर्षों की जांच में ऐसी और गड़बड़ियां खुलने की आशंका है।
‘आदेश पर 2017 से 2019 के बीच हुए टेंडर की जांच की जा रही’
ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सीईओ सुजीत कुमार का कहना है कि डिबार फर्म को काम देने और टेंडर निरस्त होने के बाद दोबारा टेंडर किए बिना ठेकेदारों को काम देने के मामले सामने आए हैं। मंत्री के आदेश पर 2017 से 2019 के बीच हुए टेंडर की जांच की जा रही है।





