Five Lakh theft from Omaxe Heights flat
ओमैक्स हाइट्स सोसायटी के फ्लैट से पांच लाख की चोरी
हरियाणा के नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद की ओमैक्स हाइट्स सोसायटी निवासी डॉ.धर्मबीर नेहरा बादशाह खान अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ है। डॉ.धर्मबीर नेहरा के फ्लैट से करीब पांच लाख रुपये के सोने के बिस्कुट व नकदी चोरी हो गई है। विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी घरेलू सहायिका पर संदेह जताते हुए खेड़ी पुल थाने में शिकायत दी है। पुलिस ने शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ओमैक्स हाइट्स निवासी डॉक्टर धर्मबीर ने बताया कि फ्लैट में अलमारी की एक चाबी घरेलू सहायिका के पास रहती थी। डॉक्टर धर्मबीर को वार्षिक प्रॉपर्टी रिटर्न भरनी थी। उन्होंने अलमारी खोलकर देखा, तो उसमें से सोने के 14 बिस्कुट और करीब दो लाख रुपये गायब थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे पिछले कुछ महीने से अलमारी खोलकर नहीं देख रहे थे।
सेक्टर-86 स्थित ओमेक्स हाईट्स यूरेका टावर में रहने वाले डॉक्टर धर्मबीर नेहरा बीके अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने खेड़ी थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके फ्लैट में काम करने वाली घरेलू सहायिका मीना पिछले पांच साल से काम कर रही है। फ्लैट की एक चाबी उसके पास ही रहती है। इस फ्लैट में डॉक्टर के अलावा कोई नहीं रहता। ड्यूटी पर जाने के बाद फ्लैट की साफ-सफाई का काम मीना कर रही थी। लॉकडाउन के कारण वह बीते एक माह से नहीं आ रही है।
वहीं इस बार आयकर का वार्षिक रिटर्न के लिए आदेश आए, तो सोने के बिस्कुट का बिल चेक करने के लिए अलमारी खोलकर देखी तो उसमें रखे 14 सोने के बिस्कुट (प्रत्येक 10 ग्राम) व 1.90 लाख रुपये गायब मिले। फ्लैट पर काम करने वाली मीना पर विश्वास होने के कारण दोबारा सारा सामान चेक किया। अलमारी का ताला भी नहीं टूटा था। इस दौरान घर में कोई बाहरी व्यक्ति भी नहीं आया। उन्होंने शक जाहिर करते हुए मीना के खिलाफ खेड़ीपुल थाने में शिकायत दी है।
जांच अधिकारी एएसआई बिजेंद्र ने बताया कि डॉक्टर ने नकदी व सोने के बिस्कुट समेत करीब पांच लाख की चोरी होने की शिकायत दी है। पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। छानबीन की जा रही है। जल्द ही घरेलू सहायिका से भी पुलिस पूछताछ करेगी। सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं। जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा।
ओमैक्स हाइट्स सोसायटी में रखरखाव का जिम्मा आरडब्ल्यूए के हाथ ही होता है। जिम, सुरक्षा, साफ-सफाई के लिए आरडब्ल्यूए ठेका छोड़ती है। यह ठेका लाखों का होता है।





