Fireworks issue in Faridabad
फरीदाबाद में कड़ी कार्रवाई के दावे फेल, पटाखे बेचने व चलाने का आदेश लागू नहीं करा पाई पुलिस
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तरफ से दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने व चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश पुलिस लागू नहीं करा पाई। एनजीटी की तरफ से पुलिस को अपने-अपने क्षेत्र में ये आदेश लागू करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए डीसीपी डा. अर्पित जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सख्त निर्देश दिए थे कि आतिशबाजी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। मगर ऐसा हो नहीं सका।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के औद्योगिक जिले फरीदाबाद में दीपावली की शाम 5 बजे से ही लोगों ने पटाखे चलाने शुरू कर दिए और देर रात तक जमकर आतिशबाजी हुई। कई युवा सड़कों व चौराहों पर भी आतिशबाजी करते रहे। जिससे आने-जाने वालों को भी परेशानी हो रही थी। ग्रेटर फरीदाबाद वर्ल्ड स्ट्रीट में युवाओं ने कारों की छत पर रखकर स्काईशाट आतिशबाजी की। लगभग सभी बाजारों में दुकानों के बाहर पटाखे खुलेआम बिकते रहे। इसके बावजूद पुलिस की तरफ से कोई खास कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस की टीमें गश्त करती हुई भी नहीं दिखीं। पूरे जिले में आतिशबाजी के केवल आठ से 10 मुकदमे दर्ज कर खानापूर्ति की गई। वहीं अवैध रूप से पटाखे बेचने पर केवल एक मुकदमा कोतवाली थाने में दर्ज हुआ। जिसमें विक्रेता से करीब 15 हजार रुपये के पटाखे जब्त किए गए।
आतिशबाजी को लेकर सभी थानों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। कई थानों में इसका बखूबी पालन भी किया गया है। मैं अपने स्तर पर सभी थानों से रिपोर्ट ले रहा हूं। लोगों से आतिशबाजी करने वालों व पटाखे बेचने वालों की सूचनाएं भी ली जा रही हैं। उन पर कार्रवाई की जाएगी। – डा. अर्पित जैन, डीसीपी हेडक्वार्टर
जमकर हुई आतिशबाजी, वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचा 420
एनजीटी और सरकार के प्रतिबंध के बावजूद जिले में दीपावली वाली रात जमकर आतिशबाजी हुई। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता सूचकांक पर दिखाई दिया। अगले दिन यानी रविवार को सुबह 11 बजे प्रदूषण का स्तर 420 पहुंच गया था जो बेहद गंभीर श्रेणी मानी जाती है। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के आसपास था। पटाखों की बिक्री पर यूं तो प्रतिबंध था, पर चोरी-छिपे खूब पटाखे बिकते हुए दिखाई दिए। हालांकि थोड़ी राहत भरी बात यह रही कि रविवार सुबह हल्की हवा चल रही थी और धूप भी खिली हुई थी। इस वजह से प्रदूषण का स्तर अधिक नहीं बढ़ सका।
पिछले साल से बढ़ गया स्तर
वर्ष 2018 में 7 नवंबर को दिवाली की दोपहर हवा में (अति सूक्ष्म कण) पीएम 2.5 की मात्रा 215 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई थी। वहीं उससे अगले दिन यानी 8 नवंबर की दोपहर में यह 424 दर्ज हुई। वर्ष 2019 में 27 अक्टूबर को दिवाली की दोपहर पीएम 2.5 की मात्रा 313 थी, मगर अगले दिन यानि 28 अक्टूबर को यह 339 दर्ज की गई। दिवाली की रात 8 बजे से 12 बजे तक यह मात्रा अधिकतम 576 तक पहुंच गई थी। इस साल दिवाली वाले दिन शनिवार को प्रदूषण का स्तर 350 के आसपास था लेकिन रविवार को यह स्तर बढ़कर 420 तक पहुंच गया।
300 के आसपास था स्तर
पिछले कुछ दिन से धूप खिलने और हवा चलने का असर प्रदूषण का स्तर पर दिखाई दे रहा था। इस वजह से 300 और 350 के बीच में प्रदूषण का स्तर रहा था। जिससे आमजन थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे। हालांकि इस बात का सभी को अंदाजा था कि दीपावली वाली रात पटाखे जरूर चलाए जाएंगे। जिस वजह से अगले दिन प्रदूषण के स्तर में काफी बढ़ोतरी दर्ज होगी।
इबिजा सोसायटी ने पेश की नजीर
जहां एक ओर शहर से लेकर गांव तक आतिशबाजी चल रही थी, वहीं नजीर पेश करते हुए सूरजकुंड क्षेत्र की इबिजा सोसायटी में रहने वाले 100 परिवारों ने एक भी आतिशबाजी नहीं चलाई। सभी ने मिठाई बांटी व दीये जलाए। सोसायटी निवासी श्याम मल्होत्रा, जेसी चड्ढा, शिव कपूर, आरएस मलिक ने बताया कि इस मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। इसलिए आतिशबाजी न करने का निर्णय लिया गया था। सभी परिवारों ने इसका बखूबी पालन किया।





