Development Authority in Lucknow lags in building houses for the poor
उत्तर प्रदेश के योगी राज में गरीबों के लिए मकान बनाने में विकास प्राधिकरण फिसड्डी
आवासीय योजनाओं में गरीबों के लिए आवास बनाने के मामले में अधिकांश विकास प्राधिकरण फिसड्डी साबित हुए हैं। आवास विकास परिषद समेत 32 में 19 विकास प्राधिकरणों में लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। यह स्थिति तब है जब शासन स्तर पर हर महीने विकास प्राधिकरणों की योजनाओं की समीक्षा होती है। फिर भी गरीबों के लिए मकान बनाने के मामले में ‘जीरो परफारर्मेंस’ वाले प्राधिकरणों पर किसी की नजर नहीं गई।
हर वित्तीय वर्ष में आवास विकास परिषद समेत प्रदेश के 27 विकास प्राधिकरण और 5 विशेष विकास प्राधिकरणों को उनकी योजनाओं में गरीबों को सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए ईडब्ल्यूएस व एलआईजी श्रेणी के मकान बनाने का भी लक्ष्य दिया जाता है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में दिए गए लक्ष्य के मुताबिक ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 41000 मकान बनाने थे, लेकिन बनाए गए सिर्फ 4178 मकान। यानि निर्धारित लक्ष्य का सिर्फ 10.19 प्रतिशत। इसी प्रकार एलआईजी के 22000 मकान बनाने केलक्ष्य के विपरीत मात्र 5265 आवास (23.93 प्रतिशत) ही मकान बने थे। इससे पहले भी वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी लगभग यही स्थिति रही।
यह वित्तीय वर्ष केसमाप्त होने में भी करीब एक ही महीने का समय बचा है। लेकिन दोनों श्रेणी के आवास बनाने की स्थिति पहले वित्तीय वर्ष से भी खराब है। इस वित्तीय वर्ष में ईडब्ल्यूएस के 54348 व एलआईजी श्रेणी के 31854 मकान बनाने के लक्ष्य दिए गए हैं। अब तक ईडब्ल्यूएस के मात्र 754 मकान बने हैं और 14085 मकान निर्माणाधीन हैं। एलआईजी के भी मात्र 553 मकान ही बन पाए हैं।
खास बात यह है कि जो विकास प्राधिकरण पिछले साल लक्ष्य पूरा करने में नकारा साबित हुए थे, वही प्राधिकरण इस साल भी अब तक दोनों श्रेणियों के एक भी मकान नहीं बना पाए हैं। ऐसे प्राधिकरणों में करीब 19 विकास प्राधिकरण व 5 विशेष प्राधिकरण क्षेत्र शामिल हैं। ईडब्लूयएस श्रेणी के मकान बनाने के मामले में इलाहाबाद, हापुड़-पिलखुआ, रायबरेली, बरेली व मथुरा-वृंदावन प्राधिकरणों की स्थिति संतोषजनक थी। जबकि आवास विकास परषिद समेत गाजियाबाद, कानपुर व मुरादाबाद विकास प्राधिकरण तय लक्ष्य का सिर्फ 30 प्रतिशत मकान ही बना पाए थे।
दो वर्षों में एक भी मकान नहीं बनाने वाले प्राधिकरण
ईडब्ल्यूएस- लखनऊ, आगरा, मेरठ, अलीगढ़, गोरखपुर, वाराणसी, बांदा, बुलंदशहर, फैजाबाद, फिरोजाबाद, झांसी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, उन्नाव, रामपुर, उरई, खुर्जा, आजमगढ़, बागपत, (सभी विकास प्राधिकरण)। इसके अलावा कुशीनगर, शक्तिनगर, चित्रकूट, कपिलवस्तु व मिर्जापुर विशेष प्राधिकरण क्षेत्रों ने एक भी आवास नहीं बनाए हैं।
एलआईजी- गाजियाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, अलीगढ़, गोरखपुर, वाराणसी, बांदा, बुलंदशहर, फैजाबाद, फिरोजाबाद, झांसी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, उन्नाव, रामपुर, उरई, आजमगढ़ व बागपत, (सभी विकास प्राधिकरण) व कुशीनगर, शक्तिनगर, चित्रकूट, कपिलवस्तु व मिर्जापुर विशेष प्राधिकरण क्षेत्रों ने एक भी आवास नहीं बनाए हैं।





