Delhi Vadodara Mumbai Expressway
वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे : दो हजार पेड़ों की चढ़ेगी बलि, पर भरपाई के नाम पर चुप्पी
दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए बाईपास किनारे दो हजार से अधिक छोटे-बड़े पेड़ काटे जाएंगे, लेकिन इनकी भरपाई कैसे और कहां होगी, इस बारे में अभी तक योजना तैयार नहीं की जा सकी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) अधिकारी एक-दूसरे की जिम्मेदारी बता रहे हैं, जबकि पेड़ काटने का काम जल्द शुरू होने वाला है। बता दें बाईपास दिल्ली से वड़ोदरा एक्सप्रेस वे का हिस्सा बनेगी। इसके लिए एनएचएआइ ठेका छोड़ चुकी है। ठेका लेने वाली कंपनी की ओर से बाईपास पर मिट्टी परीक्षण का काम जोरों से किया जा रहा है। अब एनएचएआइ यहां सबसे पहले पेड़ों की कटाई कराना चाहता है। जो पेड़ जिस विभाग की जमीन पर आ रहे हैं, उन्हें वही विभाग काटेगा।
दिल्ली से शुरू होगा एक्सप्रेस वे
यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली में डीएनडी फ्लाइओवर से शुरू होगा और आगरा नहर के साथ-साथ सेक्टर-37 आकर बाईपास रोड से जुड़ जाएगा। कैल गांव के पास एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करेगा और सोहना पहुंचेगा और कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट हो जाएगा। वहां से वड़ोदरा व मुंबई एक्सप्रेस-वे को लिक कर दिया जाएगा।
प्रदूषित नगरों में शुमार है जिला
औद्योगिक नगरी देश के सबसे अधिक प्रदूषित नगरों में शुमार है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक आम दिनों में भी खतरनाक श्रेणी के आसपास रहता है। यही कारण है कि हर साल अक्टूबर से मार्च तक यहां ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करना पड़ता है। इस प्लान के तहत प्रदूषण फैलाने वाली सभी गतिविधियों पर रोक होती है। नियम यह है कि जब किसी विकास योजना को मूर्तरूप देने के लिए पेड़ काटे जाते हैं, तो उसके बदले 10 गुना पेड़ दूसरी खुली जगह पर लगाए जाते हैं, पर यहां तो फिलहाल यही नहीं पता कि पेड़ कौन लगाएगा। बाईपास किनारे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन है।
हमें जमीन बिल्कुल साफ चाहिए। इसलिए यह प्राधिकरण के अधिकारी तय करेंगे कि काटे जाने वाले पेड़ों की भरपाई कैसे करेंगे। – धीरज सिंह, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ
जल्द बाईपास को एनएचएआइ के हैंडओवर कर दिया जाएगा। पेड़ों की कटाई के बाद इसी भरपाई को लेकर एनएचएआइ ही योजना बनाएगी। – जोगिराम, कार्यकारी अभियंता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण





