Delhi Ex Chief Minister Sheila Dikshit passed away after heart attack
अपने सरल स्वभाव के लिए जानी जाती थीं शीला, दिल्लीवासियों के दिलों पर किया 15 वर्षों तक राज
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन (Delhi Ex CM Sheila Dikshit) से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने न सिर्फ दिल्ली में कांग्रेस को मजबूती प्रदान की थी बल्कि 15 वर्षों तक स्थिर सरकार भी दी। उनकी राजनीतिक काबलियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राज्यपाल से विवादों के बाद भी इनमें मनमुटाव की खबरें यदा-कदा ही सामने आती थीं। शीला दीक्षित को दिल्ली में विकास के लिए भी जाना जाता है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इस पद से उन्होंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था। वह लगातार तीन बाद मुख्यमंत्री पद संभालने वाली देश की पहली मुख्यमंत्री थीं। वर्तमान में भी शीला दिल्ली की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय थीं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें दिल्ली की उत्तर-पूर्वी सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन यहां पर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
नहीं भूलेगी दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 1998 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को जबरदस्त जीत दिलाई। इसके बाद 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में भी दिल्लीवासियों ने शीला दीक्षित पर भरोसा जताते हुए पार्टी को जीत दिलाई थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दिल्ली में कई विकासकार्य कराए जिनको आम जनता आज भी याद करती है। दिल्ली में मैट्रो को गति देने का काम हो या फ्लाईओवर बनाने का, सभी के लिए शीला दीक्षित को याद किया जाता है।
पार्टी को दी नई ताकत
दिल्ली की राजनीति और शीला दीक्षित की बात करें तो उन्होंने पार्टी की गुटबाजी को एकजुटता में बदलकर कांग्रेस पार्टी में एक नई जान फूंकने का काम किया था। इसके ही दम पर उन्होंने 1998 में पार्टी को दिल्ली में बड़ी जीत दिलाई थी। अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों से भी सरल स्वभाव से मिलने के लिए शीला की हमेशा हर किसी ने तारीफ की। हाल ही में लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब उत्तर पूर्वी सीट से जीत दर्ज करने वाले मनोज तिवारी उनसे मिलने उनके घर पहुंचे थे तब शीला ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया था। दिल्ली की सड़कों पर अक्सर उन्हें लोगों ने गाड़ी की अगली सीट पर बैठे जाते देखा है। अक्सर वह रास्ते में आते-जाते लोगों को हाथ हिलाकर टाटा भी करती दिखाई दे जाती थीं।
कन्नौज से हुई थी राजनीति की शुरुआत
दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने से पहले वह 1984-98 तक उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से सांसद थी। यहां उन्होंने सपा के छोटे सिंह यादव को हराया था। सांसद के तौर पर उन्होंने लोक सभा की एस्टीमेट्स समिति के साथ कार्य किया। इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की चालीसवीं वर्षगांठ की कार्यान्वयन समिति की अध्यक्षता भी की थी। 1984 से 1989 तक सांसद रहने के दौरान वे यूनाइटेड नेशंस कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वीमेन में भारत की प्रतिनिधि रह चुकी हैं। 1986-89 के दौरान शीला केंद्र में संसदीयकार्य राज्यमंत्री के अलावा पीएमओ में भी राज्यमंत्री रही थीं।
एक नजर इधर भी
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 में पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उनकी शिक्षा दिल्ली के जीसस एंड मैरी स्कूल और मिरांडा हाउस कालेज से हुई थी। इनका विवाह उमाशंकर दीक्षित के बेटे विनोद दीक्षित के साथ हुआ था। उमाशंकर पूर्व राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री रहे थे।
बेटे ने कहा, दिल्ली के विकास के लिए शीला जी को याद रखा जाएगा
दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रविवार को दोपहर 2:30 निगम बोध घाट पर होगा। उनके पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस से निजामुद्दीन स्थित उनके आवास पर ले जाया गया। यहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा है। इस दौरान पीएम मोदी, सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत तमाम नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचें। उनके बेटे संदीप दीक्षित ने कहा कि उन्हें उनकी मां की हमेशा याद आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें दिल्ली के विकास के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।
पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रविवार सुबह 11 बजे तक उनके आवास पर रखा जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस दफ्तर ले जाया जाएगा। यहां कांग्रेस नेता सहित अन्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। दिल्ली सरकार ने उनके निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। साथ ही राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है।
पीएम ने कहा- निधन की खबर सुनकर दुखी हूं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के निधन पर संवेदना जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अभी अभी श्रीमती शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में पता चला। यह दिल्ली के लिए बहुत बड़ी क्षति है और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।’
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन की खबर सुन हर कोई इस कदर हैरत में है कि शुरुआत में तो इसे सबने गलत समझा। कांग्रेस की कद्दावर नेता का यूं चले जाना सबको अखर रहा है। राजनीति, खेल व मनोरंजन समेत तमाम लोग सोशल मीडिया पर संवेदना प्रकट कर अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीला दीक्षित के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और दिल्ली की प्रगति में उनके उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए उनके साथ अपनी एक तस्वीर को भी ट्वीट किया है।
राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा शीला दीक्षित के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनका कार्यकाल राजधानी दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन का दौर था जिसके लिए उन्हें याद किया जाएगा।





