CBI raid in Faridabad of SRS Group
एसआरएस के चेयरमैन व निदेशकों के ठिकानों पर सीबीआइ की तलाशी, घंटों चली कार्रवाई
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में रियल एस्टेट, ज्वैलरी, सिनेमा सहित कई अन्य कारोबार से जुड़ी एसआरएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन अनिल जिदल व निदेशकों के दिल्ली- फरीदाबाद में 19 ठिकानों पर बृहस्पतिवार को सीबीआइ की टीमों ने तलाशी ली। सीबीआइ ने केनरा बैंक की शिकायत पर एसआरएस ग्रुप व उसके निदेशकों के खिलाफ 135.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। इसी मुकदमे की जांच के सिलसिले में सीबीआइ की टीमें फरीदाबाद में सेक्टर-30 स्थित एसआरएस टावर, सेक्टर-12 स्थित एसआरएस मॉल, सेक्टर-65, सेक्टर-11, सेक्टर-9 और सेक्टर-15 में निदेशकों के ठिकानों पर पहुंची। सीबीआइ ने निदेशकों के पारिवारिक सदस्यों से पूछताछ की। प्रत्येक स्थान पर किसी एक प्रमुख व्यक्ति के बयान कलमबद्ध किए। कुछ दस्तावेज भी टीमें साथ लेकर गई हैं।
एसआरएस ग्रुप के खिलाफ एसआरएस पीड़ित मंच के सदस्य चार्टर्ड अकाउंटेंट सतीश मित्तल ने बताया कि केनरा बैंक ने ग्रुप के एसआरएस रॉयल हिल्स प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 135.15 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। निदेशकों ने केनरा बैंक को धोखे में रखकर इसी प्रोजेक्ट पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पहले ही ऋण ले लिया था। ऋण एनपीए (नॉन प्रॉफिट एसेट) होने के बाद केनरा बैंक ने एसआरएस के चेयरमैन व निदेशकों के खिलाफ सीबीआइ को शिकायत दी थी। जिस पर बृहस्पतिवार को सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। साल 2018 से जेल में हैं एसआरएस का चेयरमैन व निदेशक
एसआरएस कंपनी के चेयरमैन अनिल जिदल व निदेशकों राजेश सिगला, नानकचंद तायल, बिशन बंसल, विनोद जिदल पर मोटे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये ठगने व घोटाले के आरोप हैं। स्थानीय पुलिस ने साल 2018 में निवेशकों की शिकायत आरोपितों के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया था। कुछ आरोपित तभी से जेल में हैं। स्थानीय पुलिस दर्ज मामलों की जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉड्रिंग व आयकर विभाग अज्ञात स्त्रोतों से आय मामले में जांच कर रहे हैं।
फरीदाबाद पुलिस की अपराध शाखा टीम ने हरियाणा के रियल्टी सेक्टर की बड़ी कंपनी एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल, विनोद गर्ग उर्फ मामा, विशन बंसल, नानकचंद तायल व देवेंद्र अधाना को 5 अप्रैल, 2018 को दिल्ली के महीपालपुर स्थित होटल से अरेस्ट किया था। इसके बाद अनिल जिंदल के रिश्तेदारों को भी अरेस्ट किया गया। तब से ये सभी आरोपी जिला जेल में बंद हैं। इन पर निवेशकों के 23 हजार करोड़ और बैंकों के करीब 7 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने का आरोप है। इनके झांसे में आए 100 से अधिक लोगों ने पुलिस को शिकायत दी थी।
कई कर चुके हैं सूइसाइड
पुलिस में इनके खिलाफ करीब 50 से अधिक एफआईआर दर्ज की हुई है, जबकि अन्य शिकायतों की जांच चल रही है। जांच के चलते आरोपियों को कोर्ट से जमानत नहीं दी जा रही है। आरोपियों पर 5 हजार लोगों से फ्लैट बेचने के नाम पर रुपये लेने और ब्याज पर रुपये लेकर वापस न देने का आरोप है। इन मामलों के सैकड़ों पीड़ित फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल और मेवात क्षेत्रों के हैं। कुछ तो इनकी वजह से सूइसाइड भी कर चुके हैं।





