Blood bank will construct in Medical College Badaun
धर्मेंद्र यादव द्वारा बनाये गये बदायूं की लाइफ लाइन राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थापित होगा ब्लड बैंक
बदायूं शहर से करीब छह किमी दूर बरेली-मथुरा राजमार्ग पर गिनौरा वाजिदपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज को बदायूं की लाइफ लाइन माना गया है।
कोरोना काल में राजकीय मेडिकल कॉलेज में संक्रमितों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने को संसाधनों बढ़ाए जा रहे हैं। शासन ने अब यहां पर ब्लड बैंक स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इस पर कॉलेज प्रशासन ने भी इसके लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। इसके लिए जरूरी भवन का निर्माण हो चुका है। अब वहां फर्नीशिंग का काम हो रहा है।
जिले में अभी तक ब्लड बैंक की सुविधा जिला अस्पताल में है। जल्द ही दूसरा ब्लड बैंक राजकीय मेडिकल कॉलेज उझानी में शुरू होगा। इससे यहां भर्ती मरीजों को ब्लड लेने के लिए बदायूं जाने की जरूरत नहीं होगी। इससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा। कोरोना काल में मेडिकल कॉलेज कोविड एल-टू अस्पताल बनाया गया है। यहां पर कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए एसएलबी दो लैब का शुरू हो चुकी है। कॉलेज प्रशासन के अफसरों का दावा है कि ब्लड बैंक संबंधी सभी तैयारियां एक माह में पूरी हो जाएंगी। सिर्फ केंद्र सरकार से बनने वाले लाइसेंस के मिलने में एक माह से अधिक का समय लग सकता है। हालांकि, सभी औपचारिकताएं पूरी कर इसके लिए आवेदन किया जा चुका है।
एसएलबी-2 लैब चालू, 25 वेंटीलेटर क्रियाशील
मेडिकल कॉलेज में कोरोना की जांच के लिए एसएलबी-2 लैब चालू हो चुकी है। ट्रू-नेट मशीन पहले से काम कर रही है। इसके अलावा 25 वेंटीलेटर भी क्रियाशील हैं। ब्लड बैंक संचालित हो जाने के बाद गंभीर रोगियों को समय पर खून मिल सकेगा।
ब्लड बैंक के लिए जरूरी भवन निर्माण कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने करा दिया है। वहां फिनिशिग का काम हो रहा है। केंद्र सरकार से लाइसेंस मिलते ही ब्लड बैंक को संचालित किया जाएगा। – डॉ.आरपी सिंह, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज
बदायूं-मथुरा रोड पर गुनौरा वाजिदपुर गांव के पास 20 दिसंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण को 543 और चिकित्सा उपकरणों की खरीद को 20 करोड़ रुपये बजट तय किया गया था। 2014 में मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू होने के साथ सरकार ने बजट जारी करना शुरू कर दिया था।
समाजवादी पार्टी सरकार में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने विशेष आग्रह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजकीय मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दी थी। जब तक सरकार रही तेजी से काम कराया गया और ओपीडी चालू भी करा दी गई।





