BJP is spreading dark of un education says Akhilesh Yadav
शिक्षक, छात्र, अभिभावक परेशान, भावी पीढ़ी को अंधकार के गर्त में धकेल रही भाजपा सरकार: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। शिक्षक, छात्र, अभिभावक परेशान हैं। भावी पीढ़ी को अंधकार के गर्त में धकेला जा रहा है। प्रदेश में सिर्फ 27 फीसदी बच्चों के पास ही लैपटॉप या स्मार्ट फोन हैं। वाई-फाई सुविधा नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई कैसे प्रभावी हो सकती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण मार्च से ही स्कूल-कॉलेज बंद हैं। स्कूली बच्चों को कोविड-19 से सबसे ज्यादा खतरा है। इसलिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने ऑनलाइन शिक्षा देने का तरीका खोज निकाला है। यह व्यवस्था कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन के बगैर चलने वाली नहीं है।
समाजवादी पार्टी सरकार ने भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर छात्र-छात्राओं को 18 लाख लैपटॉप बांटे थे। स्मार्टफोन देने का भी वादा था। भाजपा सरकार के आते ही यह योजना बंद कर दी गई। भाजपा वाले तब इनका मजाक उड़ाते थे, आज वही बुनियादी जरूरत बन गए हैं।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा, प्रदेश में बिजली की हालत दयनीय है। नेट कनेक्शन होने पर भी उसकी चाल सुस्त रहती है। विद्यार्थियों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में बहुत अंतर है, जिससे ऑनलाइन शिक्षा सबके लिए सुगम नहीं है। बहुत से शिक्षक भी ऑनलाइन शिक्षण में प्रशिक्षित नहीं हैं।
संस्कृत विद्यालयों की दुर्गति
अखिलेश ने कहा, भाजपा संस्कृत व संस्कृति की गौरवशाली परंपरा की बातें बहुत करती है, पर हकीकत में इनकी उपेक्षा करने में आगे है। मौजूदा भाजपा सरकार के समय संस्कृत विद्यालयों की निरंतर उपेक्षा की जाती रही है। अब भाजपा सरकार इन्हें बंद करने जा रही है। इनमें पढ़ा रहे प्रकांड विद्वानों एवं अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को देखते हुए उनके समुचित समायोजन पर ध्यान देना चाहिए।
गोरखधंधा करने वालों को नैतिकता पढ़ाएं
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने मेरठ में करोड़ों रुपये की अनधिकृत किताबें छापने पर सरकार को घेरा। कहा, शिक्षा नीति में बदलाव करने वाली भाजपा पहले अपने उन नेताओं को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाए जो अनधिकृत रूप से करोड़ों रुपये की किताबें छापने के गोरखधंधे में संलिप्त हैं।
परीक्षा के लिए बाध्य न करें
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, हठधर्मी भाजपा सरकार कोरोना सुरक्षित परिवहन, परीक्षा केंद्र व ठहरने की व्यवस्था किए बिना युवाओं को परीक्षा देने केलिए बाध्य न करें।





