Asian hospital worker caught in black marketing of Remdesivir
एशियन अस्पताल का कर्मचारी रेमडेसिविर इंजेक्शन दस गुना दाम पर बेचता था
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में क्त्रसइम ब्रांच सेक्टर 17 ने एशियन हॉस्पिटल के एक और कर्मचारी को काबू किया है। आरोपी अस्पताल से इंजेक्शन का इंतजाम करके बाहर अपने साथियों को देता था। गिरोह से जुड़े बाकी सदस्य इन्हें महंगे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। आरोपी की पहचान ओल्ड फरीदाबाद स्थित अहीरवाड़ा निवासी बनिश उर्फ बंटी के रूप में हुई है। पुलिस ने भूड़ कॉलोनी निवासी हिमांशु को पहले ही काबू कर लिया था। हिमांशु के बयान पर ही बनिश को काबू किया गया है। पुलिस ने उसे अदालत में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक बंटी ही पूरे खेल का मास्टरमाइंड है। वह अस्पताल से रेमडेसिविर के इंजेक्शन चोरी कर रहा था। हिमांशु व अन्य साथियों के माध्यम से वह इन्हें आगे बेचता था। भूड़ कॅालोनी निवासी हिमांशु को उसने तीन इंजेक्शन बेचे थे। हिमांशु इन्हें आगे बेचने की फिराक में था, इससे पहले ही क्राइम ब्रांच ने उसे काबू कर लिया। बनिश उर्फ बंटी एशियन हॉस्पिटल के गेस्ट्रोलॉजी के वरिष्ठ चिकित्सक के निजी सहायक के पद पर तैनात था। बंटी ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वह अभी तक 20 से 25 इंजेक्शन बेच चुका है।
दस गुना दाम पर बेचते थे इंजेक्शन
एशियन अस्पताल से अभी तक की यह पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले सेक्टर 56 क्राइम ब्रांच ने इसी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के चार कर्मचारियों को काबू किया था। उनसे 16 इंजेक्शन बरामद हुए थे। आरोपी मरीजों को आधा इंजेक्शन ही लगाते थे, जबकि रिकॉर्ड में पूरे इंजेक्शन दर्शाते थे। इस तरह वे इंजेक्शन की चोरी कर लेते थे। आरोपी एक इंजेक्शन को 25 से 35 हजार तक में बेचते थे ,जबकि इसकी वास्तविक कीमत 36 सौ रुपये है।





