Akhilesh Yadav seeks foodgrains for poor workers in Uttar Pradesh
यूपी सरकार पर भड़के अखिलेश यादव, बोले- लॉकडाउन का उड़ाया जा रहा है मजाक
देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच सबसे अधिक दिक्कत अपने घरों से दूर रहने वाले लोगों के सामने आ गयी है. मजदूरों के साथ-साथ छात्रों की हालत भी खराब होती जा रही है
देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच सबसे अधिक दिक्कत अपने घरों से दूर रहने वाले लोगों के सामने आ गयी है. मजदूरों के साथ-साथ छात्रों की हालत भी खराब होती जा रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों छात्र कोटा में फंसे हुए हैं. मीडिया में खबर आने के बाद छात्रों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार हरकत में आयी है. सरकार ने छात्रों को वापस अपने राज्य लाने की योजना बनाई है. सरकार के इस फैसले का समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वागत किया है. लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार की तरफ से मजदूरों को लेकर किसी भी तरह के कदम नहीं उठाए जाने पर सवाल भी खड़ा किया है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है,” राजस्थान के कोटा में फंसे उप्र के विद्यार्थियों को वापस लाने की योजना का स्वागत है लेकिन ये सवाल भी है कि अन्य राज्यों में भुखमरी के शिकार हो रहे अति निम्न आय वर्ग के गरीबों को वापस लाने की क्या योजना है और ये भी कि प्रदेश के तथाकथित नोडल अधिकारियों के मोबाइल मूक-मौन क्यों हैं ?”
देश में कोरोना को लेकर तीन मई तक लॉकडाउन है। इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राजस्थान के कोटा में फंसे उप्र के विद्यार्थियों को वापस लाने की योजना का स्वागत है, लेकिन ये सवाल भी है कि अन्य राज्यों में भुखमरी के शिकार हो रहे अति निम्न आय वर्ग के गरीबों को वापस लाने की क्या योजना है और ये भी कि प्रदेश के तथाकथित नोडल अधिकारियों के मोबाइल मूक-मौन क्यों हैं?
डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के साथ हो रहा खिलवाड़ : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुकवार को पीपीई किट की क़्वालिटी को लेकर घेरा। अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा डाॅक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री एवं टीम इलेवन की रोज-रोज हो रही बैठक के बाद भी पीपीई किट की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है और यही घटिया किट मेडिकल कालेजों में सप्लाई की गई है। इसका खुलासा जीआईएमसी, नोएडा निदेशक एवं प्रधानाचार्य मेरठ द्वारा उनके कालेज/संस्थान में यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से आपूर्ति अधोमानक पीपीई किट पाए जाने से हुआ है।
अखिलेश ने कहा कि इस अधोमानक पीपीई किट की आपूर्ति तथा इसके इस्तेमाल से कोरोना वायरस से निपटने वाले स्टाफ का जीवन स्वयं संकट में पड़ने की स्थिति में आ सकता है। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि अब तक कितनी किट वापस हुई है? 13 अप्रैल 2020 से पूर्व हुई शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई।
यह घोटाला एक गम्भीर प्रकरण है। अब तो डाॅक्टर और भी चिंतित और सतर्क हो जायेंगे कि सरकार उनके प्रति इस हद तक लापरवाह हो सकती है। आपात स्थिति में भी भ्रष्टाचार, भाजपा सरकार बेमिसाल। विपक्ष की बात को अनसुना करना लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
अखिलेश यादव की अपील, संदिग्ध लोग खुद जांच के लिए आगे आएं
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीयअध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपील की है कि जिनमें भी कोरोना वायरस के लक्षण दिखें या जो पीड़ितों के संपर्क में आए हैं, उन्हें खुद जांच के लिए आगे आना चाहिए। उन डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिस कर्मियों का सहयोग व सम्मान करना चाहिए जो अपना जीवन दांव पर लगाकर उनकी जान बचा रहे हैं। सरकार को भी लोगों को डराकर नहीं, बल्कि विश्वास में लेकर सभी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
अखिलेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार को यमुना के रेत में पड़े भूखे-प्यासे लोगों के प्रति मानवीय संवेदना का परिचय देना चाहिए। श्रमिकों का पलायन गंभीर समस्या है। उन्हें राहत पहुंचाने का रास्ता तत्काल निकलना चाहिए। सरकार को अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का भी ख्याल रखना चाहिए। निश्चित दूरी बनाकर ओपीडी में इलाज जल्द शुरू करना चाहिए।
जांच बढ़ाएं, क्वारंटीन की अव्यवस्था दूर करें
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, कोरोना संक्रमितों की वास्तविक संख्या सामने आ पाएगी। सरकार कोविड-19 की जांच बढ़ाए। बाहर फंसे लोगों को खाना, ठिकाना व सुरक्षा दी जाए। कोरोना योद्धाओं को समय से वेतन, बेहतर सुरक्षा किट तथा पोषक भोजन दिया जाए।
क्वारंटीन सेंटरों में भारी दुर्दशा है। आगरा के क्वारंटीन सेंटर में 20 से ज्यादा बच्चे दूध के लिए तड़पते रहे। तमाम दावों के बावजूद हॉटस्पॉट घोषित कई इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रहीं।





