Akhilesh Yadav attacks BJP Government
अखिलेश का भाजपा पर वार, बोले गुमराह करने वाली घोषणाएं कर रही है सरकार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों और श्रमिकों को गुमराह करने के लिए घोषणाओं पर घोषणाएं कर रही है लेकिन वे धरातल पर कहीं नहीं हैं। किसान-मजदूर ढूंढ रहे हैं कि भाजपा सरकार ने उन्हें कहां और क्या दिया है? अपने पांवों पर खड़े होने में आर्थिक मदद देने के बजाय उन्हें और कर्जदार बनने की साजिश है।
अखिलेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री के एक भाषण से दूसरे भाषण तक, उनकी सभी जिम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं। उनकी आत्मनिर्भरता की बात में तनिक भी दम नहीं। उनके मन की बात से तो यह लगता है कि हर कोई अब अपनी जान-माल का खुद जिम्मेदार होगा। भाजपा ने हाल में जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए हैं, वे सिर्फ छलावा है। जब क्रय केंद्र नहीं है तो किसान अपनी उपज कहां बेचेगा? सरकारी नीतियों में विसंगतियों के चलते भी किसान परेशान है। मसलन मक्का और ऑयल सीड की खरीद ज्यादातर मुर्गी पालन उद्योग में होती है। जब पोल्ट्री उद्योग सरकार ने बंद किया तो मक्का खरीद भी बंद हो गई।
भाजपा ने एक तरफ समर्थन मूल्य बढ़ाने का नाटक किया तो दूसरी तरफ डीजल और गैस के दाम बढ़ा दिए। रासायनिक खाद, कीटनाशक, बिजली, सिंचाई और बीज में किसानों को कोई रियायत नहीं मिली। फल-फूल, सब्जी, दूध का काम करने वाले किसान मुश्किलों में फंस गए हैं। किसानों से कहा जा रहा है कि वे बैंकों से ज्यादा कर्ज लें। किसानों को आत्महत्या की ओर प्रेरित करने का यह भाजपाई तरीका है। उसकी मानसिकता गरीब व किसान विरोधी है।
प्राइवेट हाथों में खेती देने की साजिश
अखिलेश ने कहा, बुंदेलखंड और बृजक्षेत्र में सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। खेती को प्राइवेट हाथों में देने की भाजपा साजिश कर रही है, यह किसानों के साथ विश्वासघात है। सपा सरकार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे पर कन्नौज में 100 एकड़ की मंडी की व्यवस्था की थी। मलिहाबाद में आम की मंडी बनी थी, भाजपा ने इन्हें बंद कर दिया।
माफ किए जाएं किसानों के कर्ज
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों पर कर्ज बढ़ गया है। उनके तमाम तरह के कर्ज माफ किए जाएं। किसान उदासीन हुआ तो भुखमरी के हालात पैदा हो जाएंगे। भाजपा सरकार और उसकी गरीब, किसान विरोधी नीतियां ही इसके लिए जिम्मेदार होंगी।
गन्ना किसानों का 20 हजार करोड़ बकाया
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा, किसानों की जिंदगी बदहाल होती जा रही है। गन्ना किसानों का लगभग 20 हजार करोड़ रुपये चीनी मिलों पर बकाया है। गन्ना बकाया का 14 दिन बाद भुगतान नहीं होने की स्थिति में कानूनन किसानों को ब्याज भी मिलना चाहिए। इस पर सभी मौन साधे हैं। मुख्यमंत्री की मिल मालिकों पर सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि पूंजी घराने ही तो भाजपा के समर्थक हैं।





