89 new cases of Corona Virus found in Faridabad Haryana
फरीदाबाद में कोविड-19 के 89 नए मामले सामने आए, कुल संक्रमितों की संख्या हुई 860
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के औद्योगिक जिले फरीदाबाद में कोरोना के 89 नए मामले आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार को 15 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 254 हो गई। कोरोना के 89 नए मामले प्रकाश में आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 860 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार ओल्ड फरीदाबाद, एनआइटी, डबुआ कॉलोनी, तिगांव, पन्हेड़ा खुर्द, एसी नगर, भारत कॉलोनी, छायसां, फ्रेंड्स कॉलोनी, खेड़ीकलां, एसजीएम नगर और नंगला एंक्लेव से मामले आए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार के अनुसार जिले में 593 एक्टिव केस हैं। इनमें से 268 अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 325 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जिले में 14 लोगों की मौत हुई है, जिन्हें कोरोना के साथ दूसरी बीमारी भी थी। फिलहाल 1020 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है।
पुराने रोगों से पीड़ितों के लिए घातक साबित हो रहा कोरोना
कोरोना वायरस संक्रमण मधुमेह, हृदय रोग व उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए घातक साबित हो रहा है। जिले में अब तक कोरोना संक्रमण से 14 मौत हो चुकी है। यह सभी किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग कोरोना के वायरस के लिए सॉफ्ट टारगेट साबित हो रहे हैं। मरने वालों की आयु 50 से 75 वर्ष के बीच में हैं। जिले में सबसे कम उम्र में 21 वर्षीय युवती की मौत हुई है, जोकि कैंसर से पीड़ित थी।
डॉक्टरों के अनुसार पुरानी बीमारियों के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में पुरानी बीमारियों के मरीजों को अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में कोरोना से पहली मौत 28 अप्रैल को ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-88 में रहने वाले 67 वर्षीय बुजुर्ग हुई थी। उन्हें मधुमेह की समस्या थी। इसके बाद चार मई को ओल्ड फरीदाबाद के बाड़ मोहल्ला निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति उच्च रक्तचाप व हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। वहीं सेक्टर-28 निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी रक्तचाप व मधुमेह की मरीज थी। सेक्टर-18 निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति भी हृदय संबंधित बीमारी से पीड़ित थे और कोरोना संक्रमण के बाद मौत हो गई। इसके अलावा चार मरीजों में गुर्दे संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और डायलिसिस पर थे। इनके लिए भी है घातक
उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय के अलावा कोरोना वायरस का संक्रमण बुजुर्गो के लिए सबसे अधिक घातक हैं। वायरस का संक्रमण अस्थमा, टीबी, कैंसर, गर्भवती, 12 वर्ष से कम बच्चे, लीवर व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकती हैं। पहले से बीमार, बुजुर्गों एवं छोटे बच्चों के लिए कोरोना का संक्रमण घातक साबित हो रहा है। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। यह लोग कोरोना की चपेट में आसानी से आ रहे हैं। वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सबसे पहले बाहर निकलने से परहेज करें और कम से कम लोगों के संपर्क में आए। नियमित रूप से दवा लें व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। -डॉ.रीतेश शर्मा, एशियन अस्पताल
कोरोना से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनानी पड़ेगी। इसके लिए तनाव मुक्त जीवन, आठ घंटे की नींद लेनी होगी। नींद एवं तनाव भी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर अनुकूल प्रभाव डालते हैं। व्यायाम एवं योग अवश्य करें और सरकार भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद का सहारा ले रही हैं। गिलोय, तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी एवं अन्य वस्तुओं के इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। -डॉ.संजीव भगत, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी
लोग खट्टे फल जैसे, आम, मौसमी, नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं। इसमें विटामिन सी की सबसे अधिक मात्रा होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है। घर से खाली पेट नहीं निकले हैं और सुबह, दोपहर व रात का भोजन अवश्य करें। बादाम, काजू, किशमिश भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर होते हैं। मधुमेह मरीजों कों डॉक्टर से सलाह पर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। -रेखा राजपूत, डायटीशियन





