174 new cases of Covid 19 found in Faridabad Haryana
फरीदाबाद में कोरोना वायरस बेकाबू , 174 नए संक्रमित आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या हुई 1580, पांच लोगों की हुई मौत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के औद्योगिक जिले फरीदाबाद में कोरोना संक्रमितों एवं मरने वालों के ग्राफ में लगातार इजाफा हो रहा है। फरीदाबाद जिले में मंगलवार को सबसे अधिक 174 मामले प्रकाश में आए हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हो गई है। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1580 और मरने वालों का आंकड़ा 38 हो गया है। कोरोना एवं मौत के बढ़ते मामलों आंकड़ों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चिता में डाल दिया है। मरने वालों को कोरोना सहित अन्य जटिल बीमारियां भी थी। संक्रमितों के शव को नगर निगम कर्मचारियों को सौंपकर कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार कराया गया है।
मंगलवार में जिन लोगों के मौत की पुष्टि हुई है, उनमें से तीन बल्लभगढ़ क्षेत्र से हैं। जबकि एक जवाहर कॉलोनी व एक सेक्टर 35 से है। स्वास्थ्य विभाग ने जवाहर कॉलोनी निवासी 51 वर्षीय व्यक्ति, बल्लभगढ़ विष्णु कॉलोनी निवासी 39 वर्षीय व्यक्ति, बल्लभगढ़ स्थित आदर्श नगर निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग महिला, बल्लभगढ़ स्थित ब्राह्मण वाड़ा स्थित 68 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति व सेक्टर 35 स्थित 70 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति शामिल है।
अस्पताल में भर्ती 20 लोग हालत गंभीर है और इनमें से सात आइसीयू में वेंटिलेटर पर हैं। मंगलवार को आए नए केस ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़ व एनआइटी के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं। इसके अलावा मंगलवार को 30 लोग कोरोना को मात देने में कामयाब हुए। जिले में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या अब 472 हो गई है। उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामभगत ने बताया कि जिले में 1070 एक्टिव केस बचे हुए हैं, जिनमें से 525 को अस्पताल में दाखिल हैं व 545 संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जिले में अभी तक जितनी भी मौत हुई हैं, उनमें कोरोना संक्रमण के साथ दूसरी बीमारियां भी थी।
ऐसे कैसे कोरोना को हराएंगे, जब संक्रमित खुद ही रिपोर्ट लेने आएंगे
नोवल कोरोना संक्रमण मामलों का हर आठ दिन में विस्तार दोगुना हो रहा है। बीते एक सप्ताह में संक्रमण से मौत का आंकड़ा भी दोगुने से ज्यादा है, बावजूद इसके संक्रमितों के प्रति लापरवाही जारी है। जिला स्तर पर संक्रमण विस्तार पर काबू पाने के लिए माइक्रो प्लान भी फेल नजर आ रहा है। संक्रमित लोग जांच रिपोर्ट लेने के लिए खुद सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में साफ है कि कई स्तर पर लापरवाही जारी है। इसके कई उदाहरण सोमवार को देखने को मिले।
15 दिन बाद भी पॉजिटिव महिला से अधिकारियों ने नहीं किया संपर्क
एसजीएम नगर निवासी 22 वर्षीय महिला ने एक जून को बीके अस्पताल की आईडीएसपी लैब में सैंपल दिया था। महिला टीबी की भी मरीज है। चार जून को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन इसकी जानकारी उसे नहीं दी गई। महिला खुद को स्वस्थ समझकर अन्य लोगों से मिलती रही। सोमवार को रिपोर्ट लेने पहुंची तो चार जून को पॉजिटिव आई महिला को सामने देख कर्मचारी अधिकारी बचते दिखे। हालांकि फिर महिला को एंबुलेंस बुलाकर मौके से ही कोविड-19 अस्पताल में दाखिल कराया गया। इस दौरान महिला ने एकाएक अस्पताल जाने से बचने का प्रयास भी किया। मौके पर वरिष्ठ लैब टेकनीशियन ऋषिराज गौतम ने महिला के पति को फोन करके संक्रमित एवं ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने की सूचना दी।
डबुआ निवासी कोरोना पॉजिटिव भी लेने पहुंचा रिपोर्ट
कोरोना संक्रमित 36 वर्षीय पुरुष अपनी जांच रिपोर्ट खुद लेने पहुंच गया। डबुआ निवासी इस पुरुष को भी लैब इंचार्ज ऋषिराज गौतम ने मौके पर ही एंबुलेंस से कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया। गौतम ने बताया कि कई बार संक्रमित लोग अपनी रिपोर्ट लेने पहुंच जाते हैं। सोमवार को दो पॉजिटिव अपनी रिपोर्ट लेने पहुंचे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पर नियंत्रण लगाने का प्रयास कर रहे हैं। कई लोग गलत जानकारी साझा कर रहे हैं। कई बार लोगों द्वारा स्वास्थ्य विभाग में दर्ज कराया गया मोबाइल नंबर और पता गलत मिला है। ज्यादातर ऐसे ही लोग अपनी रिपोर्ट लेने खुद पहुंचते हैं। – डॉ. रामभगत, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी





