106 new cases of Corona Virus found in Faridabad Haryana
फरीदाबाद में कोविड-19 के 106 नए मामले सामने आए, कुल संक्रमितों की संख्या हुई 771
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के औद्योगिक जिले फरीदाबाद में कोरोना के 106 नए मामले आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिले में कोरोना के संक्रमण के चलते रविवार को तीन संक्रमितों की मौत हो गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। इसके अलावा एक ही दिन रिकॉर्ड 106 नए मामले आए हैं। इससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 771 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बसेलवा कॉलोनी ओल्ड फरीदाबाद 52 वर्षीय निवासी शुक्रवार को निजी अस्पताल में भर्ती हुआ और उसकी रिपोर्ट शनिवार देर रात को कोरोना पॉजिटिव आई थी। ईएसआइसी में रेफर के दौरान मरीज को चार घंटे तक एंबुलेंस में परेशान होना पड़ा। निजी अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के कहने के बाद मरीज भर्ती किया गया और रविवार को मौत हो गई। वहीं सेक्टर-28 में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग का इलाज दिल्ली के निजी अस्पताल में चल रहा था और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के संक्रमण की सूचना फरीदाबाद विभाग को दे दी थी। एसजीएम नगर निवासी 65 वर्षीय महिला का ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई। यह सभी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
पुलिस चौकी के दो जवान संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार रविवार को शहर के कई नए क्षेत्रों से भी कोरोना के मामले आए हैं। इनमें एनआइटी तीन पुलिस चौकी के दो जवान व सेक्टर-28 स्थित एक परिवार के दो सदस्यों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। सेक्टर-36, एकता एंक्लेव तिगांव रोड नीमका, सेक्टर-89 ग्रेटर फरीदाबाद, बुखारपुर, रोशन नगर अगवानपुर, पन्हेड़ा खुर्द पहली बार मामले आए हैं। इसके अलावा डबुआ कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद, एनआइटी, एसी नगर, भारत कॉलोनी व छायसां सहित जिले के विभिन्न हिस्सों से आए हैं।
जिले की 25 लाख से अधिक आबादी है। इतनी बड़ी जनसंख्या को देखते हुए कोरोना के मात्र 771 मामले ही सामने आए हैं। इस अनुपात में संख्या बहुत कम है। इनमें भी 518 एक्टिव केस हैं। इनमें से 231 मरीजों का इलाज अस्पताल में, जबकि 287 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, 239 लोग ठीक हो चुके हैं। अभी 960 सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है। -डॉ.कृष्ण कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
संक्रमित ने अस्पताल में फैले अव्यवस्था का वीडियो किया वायरल
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के औद्योगिक जिले फरीदाबाद में कोविड अस्पताल ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में स्थापित कोविड-19 अस्पताल में भर्ती एक संक्रमित ने अंदर की अव्यवस्थाओं की जानकारी देने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। संक्रमित ने जिला उपायुक्त यशपाल यादव से व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की गुहार लगाई है। वीडियो में वार्ड में जगह-जगह बिखरे पड़े मास्क एवं गंदगी की दिखाई गई है।
वीडियो में जानकारी देते हुए संबंधित ने बताया कि उसका पूरा परिवार अस्पताल में भर्ती है। उसके पिता गंभीर रूप से बीमार है और पांच दिन से बुखार नहीं टूट रहा और बलगम से खून आ रहा है। उन्हें आइसीयू भर्ती किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन नर्सिंग स्टेशन पर कोई भी स्टाफ नर्स नहीं मिलती है, जिससे वह अपनी बात रख सके। इसके अलावा वॉर्ड में सफाई नहीं हुई है। भोजन भी खाने योग्य नहीं है। बेड के पास डिस्चार्ज हुए मरीज के मास्क आदि पड़े हुए हैं। वीडियो में बताया गया है कि स्टाफ नर्स द्वारा डॉक्टर की लिखी दवाएं देने की बजाय उनका सब्सिट्यूट दिया जा रहा है।
ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में दिल्ली एनसीआर के कारपोरेट अस्पतालों से बेहतर सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं। इन सुविधाओं के आधार पर ही मरीजों को ठीक करने में कामयाब हुए हैं। यदि किसी को भोजन में स्वाद नहीं आ रहा, तो इसका मतलब यह है कि उसमें वायरल इन्फेक्शन ठीक नहीं हुआ है। मरीजों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए कि मास्क को कूड़ेदान में डालें। दिन में तीन बार सफाई होती हैं। यह तय करना डॉक्टर की जिम्मेदारी है कि किस मरीजों को आइसीयू में भर्ती करना है। -डॉ.अनिल पांडे, डिप्टी डीन, ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल
पांच छात्रों के सैंपल लिए
विदेशों में रहकर पढ़ाई कर रहे पांच छात्रों का रविवार को नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब सैंपल लिए गए। इन्हें किसान भवन सेक्टर-16 में क्वारंटाइन किया गया है। वरिष्ठ सफाई निरीक्षक ऋषिराज गौतम ने पूछताछ की और उसके बाद नागरिक अस्पताल ले गए।
ऋषिराज गौतम ने बताया कि पर्वतिया कॉलोनी निवासी छात्र मालदीव से, सेक्टर-21डी में रहने वाले छात्र कुवैत से, तिगांव के रहने वाले दो छात्र किर्गिस्तान से और शिव कॉलोनी पल्ला निवासी कजाकिस्तान में पढ़ाई कर रहा है। नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब में डॉ. रामनिवास व लैब टैक्नीशियन सुनील ने सैंपल लिए।
चावला कॉलोनी : बदल गए हाव-भाव, अब नहीं करते एक-दूसरे से बात
चावला कॉलोनी में कोरोना संक्रमित 10 लोग मिलने के बाद प्रशासन ने 29 मई से कंटेनमेंट जोन बनाया हुआ है। कंटेनमेंट जोन के चलते यहां के स्थानीय लोगों की दिनचर्या ही बदल गई है। अब लोग न तो किसी से बात करते हैं और न ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। कॉलोनी की चारों गलियों में बल्ली बांध कर नाकेबंदी की हुई है और पुलिसकर्मी तैनात हैं। कंटेनमेंट वार्ड से किसी भी तरह का कोई वाहन नहीं निकल रहा है। पैदल लोग जैसे-तैसे निकल जाते हैं। जोन के अंदर दुकानों पर कोई भी सामान खरीदने के लिए नहीं आ रहा है।
चावला कॉलोनी के आसपास की कई कॉलोनियों पर प्रभाव पड़ता है। यहां पर कंटेनमेंट जोन होने की वजह से आसपास की पूर्वी चावला कॉलोनी, श्याम कॉलोनी, भगत सिंह कॉलोनी के लोग भी पूरी तरह से सतर्क हैं। – विनोद गोस्वामी, चावला कॉलोनी
कंटेनमेंट जोन बनने से वाहन तो पूरी तरह से बंद हो गए, लेकिन लोगों का पैदल आना-जाना तो लगातार हो रहा है। पुलिस आने-जाने वालों को नहीं रोकती। इन 24 घरों में से लोग बाहर निकल कर अपने काम-काज पर जा रहे हैं। -तेजराम, चावला कॉलोनी
कंटेनमेंट जोन अब पहले जैसा नहीं रहा है। पहले पूरी कॉलोनी को प्रतिबंधित किया जाता था। अब सिर्फ 24 घरों को किया गया है, जिससे ज्यादा लोग की जीवनशैली प्रभावित नहीं हो रही है। -ओमप्रकाश गुप्ता, चावला कॉलोनी
अब कंटेनमेंट जोन ज्यादातर उसी गली को बनाया जाता है, जहां पर कोरोना संक्रमित लोग पाए जाते हैं। कम से कम लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़े, यही सोच कर कंटेनमेंट जोन छोटा बनाया गया है। -त्रिलोक चंद, एसडीएम बल्लभगढ़





