
उत्तर प्रदेश के योगी राज में आपदा पीड़ित किसान ने फांसी लगाकर दी जान, तूफान में बर्बाद हो गई थी फसल
आगरा में तूफान और बारिश किसानों पर आफत बनकर टूटी। दो दिन पहले आए तूफान में खेत पर रखा भूसा उड़ गया। इससे तनाव में आए किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच कर रही है।
सदर तहसीन के सोहल्ला निवासी भूपेंद्र उर्फ भीम ने चार बीघा खेत बटाई पर ले रखा था, जबकि दो बीघा खेत खुद के हैं। इस बार गेहूं की फसल की थी। फसल काटने के बाद खेत पर ही रख दी थी।
परिजनों ने बताया कि 11 अप्रैल का आए तूफान और बारिश में फसल बर्बाद हो गई। कुछ भूसा बचा हुआ था। यह भी खेत पर रखा हुआ था। बुधवार शाम आए तूफान और बारिश में भूसा उड़ गया।
फांसी लगाकर दी जान
गुरुवार को भूपेंद्र खेत पर गया था। भूसा न देखकर तनाव में आ गया। वो रात को कमरे में सो गया। पत्नी रचना और दो बच्चे भी कमरे में सो रहे थे। रात एक बजे पत्नी की आंख खुली।
भूपेंद्र पंखे के कुंडे से फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। यह देखकर पत्नी की चीख निकल गई। परिजन आ गए। उन्होंने भूपेंद्र को फंदे से उतारा। सूचना पर पुलिस पहुंच गई।
पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर थाना सदर का कहना है कि आत्महत्या का कारण पता किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
नहीं मिला था मुआवजा
भूपेंद्र के परिजनों ने बताया कि 11 अप्रैल के तूफान और बारिश में दो बीघा खेत की फसल खराब हो जाने के बाद प्रशासन ने कोई मुआवजा नहीं दिया। सर्वे के लिए कर्मचारी आए थे, लेकिन वो कह गए कि खड़ी फसल बर्बाद होने पर मुआवजा मिलता है, कट जाने के बाद नहीं।





