मध्य प्रदेश में चुनावी साल में भाजपा को लगा झटका, वरिष्ठ नेता पद्मा शुक्ला ने थामा कांग्रेस का दामन
मध्य प्रदेश में साल के आखिर में चुनाव होने वाले हैं। यहां 15 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा को चुनाव से पहले करारा झटका लगा है। विजयराघवगढ़ से भाजपा की कद्दावर नेता पद्मा शुक्ला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया है। वह भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थीं। जिसे कि राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
शुक्ला 2013 के चुनाव में विजयराघवगढ़ विधानसभा से भाजपा की उम्मीदवार थीं। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री संजय पाठक के विरोध की वजह से इस्तीफा दिया है। उन्होंने पिछली बार उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार रहे पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि वह केवल 935 वोटों से चुनाव हार गई थीं। उनके इस्तीफे से भाजपा में हड़कंप मच गया है।
भाजपा से इस्तीफा देने के बाद शुक्ला ने कहा, ‘मैंने मध्यप्रदेश के मंत्री संजय पाठक के साथ दो साल तक काम करने की कोशिश की लेकिन यह असंभव साबित हुआ। वह भाजपा के कार्यकर्ताओं को अपमानित किया करते थे। यह मुझे चोट पहुंचा रहा था और मेरे कार्यकर्ताओं के आत्म सम्मान को आघात पहुंचा रहा था।
बता दें कि पाठक 2008 और 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार थे। 2013 चुनाव में मिली जीत के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्तमान में वह शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राज्य मंत्री हैं। पद्मा शुक्ला ने ऐसे समय पर इस्तीफा दिया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के दौरे पर जाने वाले हैं। वहीं इस मामले पर पार्टी के बड़े नेताओं ने चुप्पी साध रखी है।
मध्यप्रदेश: चुनाव से पहले भाजपा को झटका, पूर्व विधायक ने थामा कांग्रेस का ‘हाथ’
मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए भाजपा और कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। लेकिन इस बीच भाजपा को एक तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, भाजपा के पूर्व विधायक पुष्पराज सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में शुक्रवार को उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
पुष्पराज सिंह रीवा से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। उनके बेटे दिव्यराज सिंह फिलहाल रीवा के सिरमौर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। बता दें कि पुष्पराज सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक, आगामी चुनावों को लेकर 24 सितंबर को पुष्पराज सिंह ने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। तब भाजपा ने उन्हें चुरहट सीट से चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें रीवा से ही चुनावी मैदान में उतार सकती है।
हालांकि, 2008 में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे और 2009 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इसके बाद भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में उनके बेटे दिव्यराज सिंह को टिकट दे दिया।
भाजपा के लिए यह दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले कटनी जिले की पद्मा शुक्ला भी कांग्रेस का दामन थाम चुकी हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में पद्मा ने भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर विजयराघवगढ़ से चुनाव लड़ा था, लेकिन वो 900 वोटों से हार गई थीं।





