शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश यादव की तरफ सियासी दोस्ती का हाथ बढ़ाया
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने इच्छा जताई कि 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सभी समाजवादी एक मंच पर दिखें। समाजवादी धारा के सभी लोग एक साथ आकर ऐसा तालमेल बनाएं जिसमें सभी को सम्मान मिले और प्रदेश का विकास हो सके। माना जा रहा है कि उन्होंने भतीजे अखिलेश यादव की तरफ सियासी दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
चाहता हूं, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में एक मंच पर दिखें सभी समाजवादी: शिवपाल सिंह
शिवपाल ने कहा कि समाजवादियों को एक साथ लाने की चाहत मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि अगर हम लोहियावादियों, गांधीवादियों, चौधरी चरण सिंह के अनुयायियों और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक जगह ला सके तो सांप्रदायिक शक्तियों को रोक सकते हैं। इस सपने को साकार करने के लिए मैंने 2015 से ऐसी ताकतों के महागठबंधन की पहल की थी। हालांकि दुर्भाग्य से संभव नहीं हो सका था। मौजूदा परिस्थिति में उन्होंने फिर अमन पसंद लोगों की एकजुटता का आह्वान किया।
उम्मीद है, संघर्ष का पथ चुनेंगी आने वाली पीढ़ियां
सपा से गठबंधन के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि इसके लिए मुझे अलग से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। सपा संघर्ष के दम पर बनी थी। उसमें तीन दशक तक नेताजी की अगुवाई में समाजवादी विचारधारा के बहुत से लोगों के साथ मैं भी संघर्ष करता रहा। उम्मीद है, आने वाली पीढ़ियां भी संघर्ष का पथ चुनेंगी।
वैचारिक मतभेद रहे, लेकिन मनभेद नहीं
शिवपाल ने कहा कि यह विपक्ष के लिए निर्णायक घड़ी है। अगर विपक्ष संघर्ष के लिए तैयार नहीं हुआ तो रास्ता बहुत कठिन है। प्रसपा ने सीमित अवधि में शानदार संगठन खड़ा किया है। अगर 2019 में हमें विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल किया जाता तो लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ और होते।
उन्होंने कहा कि वैचारिक मतभेद के बावजूद किसी से मेरा मनभेद नहीं रहा। मैंने कभी भी किसी के लिए असंसदीय शब्दों का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी एकजुटता की आकांक्षा पूरी नहीं हुई को प्रसपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।





