उत्तर प्रदेश के योगी राज में जंगलराज, आठवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म, सहेली ने अगवा करने में की आरोपी की मदद
स्कूल जाने के लिए घर से निकली आठवीं कक्षा की छात्रा का बोलेरो सवार युवक ने अपहरण कर दुष्कर्म किया। छात्रा के अपहरण करने में उसकी सहेली ने आरोपी की मदद की। शनिवार को किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने दो को हिरासत में लिया है। मामला यूपी के जौनपुर का है।
जिले के खेतासराय थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 14 वर्षीय छात्रा गुरुवार की सुबह घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी। छात्रा की सहेली की मदद से बोलेरो सवार युवक ने रास्ते से उसका अपहरण कर लिया।
उसे जौनपुर शहर के किसी होटल में ले गया जहां उसके साथ दुष्कर्म किया। छात्रा को दोपहर में लाकर उसके गांव के पास छोड़कर आरोपी बोलेरो के साथ फरार हो गया। डरी सहमी छात्रा किसी तरह घर पहुंची लेकिन घरवालों को घटना की जानकारी नहीं दी। दूसरे दिन तक उसका रक्तस्राव बंद नहीं हुआ तो उसने रोते हुए मां से आपबीती सुनाई।
घटना की जानकारी होते ही परिजन सन्न रह गए। शनिवार को लड़की के साथ परिजन थाने पहुंचे और लड़की के पिता ने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने आरोपी पर अपहरण और दुष्कर्म और दलित उत्पीड़न का केस दर्ज कर लिया, जबकि तीन अन्य आरोपियों पर 120 बी के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने केस दर्ज कर पीड़ित छात्रा को मेडिकल के लिए भेज दिया और मामले में शामिल दो को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटना की सूचना पर शाहगंज के सीओ अजय श्रीवास्तव भी थाने पहुंचे और घटना की जानकारी की। सीओ अजय श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की के पिता की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दुष्कर्म पीड़िताओं का पुरुष डॉक्टर कर रहे मेडिकल परीक्षण
जौनपुर जिला महिला अस्पताल में महिला डॉक्टरों की कमी की वजह से पुरुष डॉक्टर दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं का मेडिकल परीक्षण कर रहे हैं। परीक्षण के दौरान महिलाएं असहज हो जाती हैं और वह पुरुष डॉक्टरों से परीक्षण कराने में परहेज करती हैं। जिसकी वजह से परीक्षण में देरी हो रही है।
जिला महिला अस्पताल में डा. जया और डा. शिल्पी की तैनाती है। इनमें से जब कोई रात में इमरजेंसी डूयटी करता है तो दूसरे दिन उनकी छुट्टी रहती है। ऐसी स्थिति में दुष्कर्म पीड़ित कोई भी महिला और किशोरी आती है तो उसका पुरुष डॉक्टर ही मेडिकल चेकअप करता है। दुष्कर्म के मामलों में पुलिस दो तरह की जांच कराती है। इसमें स्पर्म और डीएनए की जांच प्रमुख है।
शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जिस दिन तीन से चार केस न आते हों। महीने भर के आंकडों पर गौर किया जाए तो तकरीबन 100 केस आ जा रहा है। इसमें से अधिकांश महिलाएं दुष्कर्म पीड़ित होती हैं। पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महिला डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती थी।
सितंबर माह में यह ड्यूटी सीएमओ के स्तर से नहीं लगाई जा रही है। जिसकी वजह से समस्याएं खड़ी हो गई है। महिला डॉक्टरों की कमी की वजह से स्त्री रोग विशेषज्ञ तीन पुरुष डॉक्टरों को इस काम में लगाया गया है। इसको लेकर सवाल उठ रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला अस्पताल में दो ही महिला डॉक्टर हैं। ऐसे में पुरुष डॉक्टरों को लगाना पड़ा है।
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा. आरएस सरोज का कहना है कि महिला डॉक्टरों की कमी की वजह से तीन पुरुष डॉक्टरों को दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के मेडिकल परीक्षण में लगाया गया है जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। हाईकोर्ट का भी ऐसा निर्देश है कि महिला डॉक्टरों के न रहने पर पुरुष डॉक्टरों से कार्य लिया जा सकता है। महिला डॉक्टरों की तैनाती के लिए सीएमओ और शासन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है।





