अखिलेश यादव कन्नौज से करेंगे किसान यात्रा की शुरुआत
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसान यात्रा की शुरुअात सात दिसंबर को कन्नौज से करेंगे। शनिवार को कन्नौज आए सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों की पार्टी है। वह हमेशा से ही किसानों के साथ खड़ी थी, खड़ी है और खड़ी रहेगी।
उन्होंने कहा कि सात दिसंबर से पूरे प्रदेश में किसान यात्रा शुरू करेंगे, जिसका नारा होगा, आय बढ़ाओ, खेती बचाओ। ठठिया की विशिष्ट मंडी से शुरू हाेने वाली यात्रा नेतृत्व वह स्वयं सुबह 10 बजे करेंगे। ठठिया मंडी से तिर्वा किसान बाजार तक वह यात्रा में शामिल होंगे। वह यहां कन्नौज सदर के मोहल्ला कुतलुपुर और डाक बंगला रोड में रहने वाले कार्यकर्ता के घर नवदंपती को आशीर्वाद देने आए थे।
इसके बाद गांव कुसुमखोर निवासी नायाब खान के घर गए। इसके साथ ही कार्यकर्ता मान सिंह के बीमार भाई का हाल पूछकर का भरोसा दिया। सदर विधायक अनिल दोहरे ने बताया कि किसान यात्रा की तैयारियों को लेकर छह दिसंबर को सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी, जिसमें रणनीति बनाई जाएगी।
अखिलेश बोले- किसानों के विरुद्ध है भाजपा, दोगुनी आय के बजाय मुसीबत झेल रहे
यूपी के हरदोई जिले में अखिलेश यादव बोले कि भाजपा किसानों के विरुद्ध है। दोगुनी आय के बजाय किसान मुसीबत झेल रहा है। अखिलेश ने कहा कि किसानों के लिए काला कानून लाया गया है। बोले कि भाजपा विधान परिषद में बेईमानी ना करती तो इतनी सीटें नहीं जीतती।
कहा कि एमएलसी चुनाव बैलेट से हुआ तो सपा झांसी और बनारस जीत जाती। बोले कि बीजेपी सपा के कार्यों को भुना रही है। प्रसपा से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने छोटे दलों से गठबंधन करने की बात कही।
योगी सरकार की फिल्म सिटी भी मनोरंजन का विषय बन गई है: अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ ख्याली पुलाव पका रही है। हवाई पुल बांधने में इसका कोई जवाब नहीं है। किसान और नौजवान सब परेशान हैं। सरकार के चार वर्ष होने को हैं, पर अभी तक जनता को कोई अपेक्षित परिणाम नहीं मिला है। सिर्फ उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। फिल्म सिटी की योजना मनोरंजन का विषय बनकर रह गई है। आम लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है।
अखिलेश ने कहा कि जब लॉकडाउन के हालात थे, छंटनी हो रही थी और लोग अपनी जान बचाने को सिर पर गठरी लादे पलायन कर रहे थे, तब भी आपदा में अवसर का खूब बहाना चला। लोकतंत्र में निर्लज्जता की यह पराकाष्ठा है। सरकार के आंकड़ों पर ही विश्वास किया जाए तो शैक्षिक संस्थाओं, मेडिकल संस्थानों और सरकारी विभागों में लाखों पद खाली हैं। नौकरियों में भर्ती पर विवाद थम नहीं रहे हैं।
पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार बड़े-बड़े विज्ञापनों पर सत्ता का धन खर्च कर अपनी नाकामयाबियां छुपाने का काम कर रही है। कौन-सी फैक्टरी या उद्योग लगाया, कहां विकास हुआ, जिससे रोजगार मिलने लगा है। सरकारी तौर पर निवेशकों के लिए सहूलियतों का पिटारा खोल दिया गया है, लेकिन यह पिटारा खाली का खाली ही दिखता है। जनता को वर्ष 2022 का इंतजार है, जब वह भाजपा नेताओं से उनके वादों का हिसाब लेगी।





