बिजनौर में करोड़ों रुपये में बनी सड़क गड्ढों में तब्दील
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अभियान भी चलाया और भरपूर बजट विभागों को दिया, लेकिन शहर सहित देहात क्षेत्रों की सड़कें अधिकारियों की लापरवाही की गवाही दे रही हैं। जिधर से भी जाओ उधर ही टूटी सड़कें जनता का स्वागत करती है। टूटी सड़कें और जलभराव से जनता भी मुहाल हो चुकी हैं। बरसात में सड़कों का जख्म और भी उभर गया है। शहरी क्षेत्र में नगर पालिका के अंतर्गत आने वाली सड़के के साथ लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाली सड़कों से गुजारना राहगीरों के लिए भी मुसीबत बना है। सड़कों की मरम्मत से लेकर निर्माण का कार्य कागजों में खूब होता दिख रहा है, लेकिन धरातल पर सड़कों की हालत खस्ता हाल नजर आती है।
टूटी पड़ी सड़कें, अफसरों ने आंख मूंदी
शहर में सड़कों का बदहाल होना लगातार जारी है जब की मरम्मत शून्य काल में है। अंसारी रोड आबकारी रोड रुड़की रोड, सर्कुलर रोड खालापार रोड, मेरठ रोड, और राणा चौक की सड़क सबसे अधिक खराब हो चुकी है। पीडब्लूडी के अंतर्गत आने वाली जानसठ से रामराज तक की सड़क खस्ता हाल होने के साथ गहरे गड्ढे विभाग कार्यों की पोल खोलते हैं।
पालिका की सड़क सुधार गाथा
शहर में 50 वार्ड
एक वर्ष में कुल सड़को का निर्माण- 214
औसतन एक वार्ड में बनी सड़क 4.28
औसतन शहर में खराब सड़कें 120
औसत एक वार्ड में खराब सड़क 2.4
एक वर्ष में 50 वार्ड में किलोमीटर बनी सड़क 150
औसत एक वार्ड में एक साल में बनी सड़क 03 किमी
पालिका में सड़क निर्माण खर्च 18.72 करोड़
औसत एक वार्ड में सड़क निर्माण खर्च। 9.38 लाख
50 वार्ड में प्रस्तावित सड़क निर्माण 91 सड़क
औसत एक वार्ड में प्रस्तावित सड़क निर्माण 1.82
वर्ष 2019-20 में लोक निर्माण विभाग के कार्यों का विवरण
गड्ढ़ामुक्त कराई गई सड़कें
सड़क संख्या- 249
किलोमीटर में सड़क- 593.41 किलोमीटर
लागत धनराशि- 1.75 करोड रुपये
इन सड़कों की कराई विशेष मरम्मत
सड़क संख्या- 108
किलोमीटर- 140.56 किलोमीटर
लागत धनराशि-1870.96 करोड रुपये
नवीनीकरण के लिए किया यह काम
सड़क संख्या- 30
किलोमीटर- 89.05 किलोमीटर
लागत धनराशि- 2464.7 करोड रुपये
तीन वर्षाें में हुई इतनी मानसूनी बारिश
वर्ष 2018- 1095.2 एमएम
वर्ष 2019- 749 एमएम
वर्ष 2020 में अब तक- 620.8 एमएम
शहर में सड़क बनने के तुरंत बाद ही टूट जाती है। नगर की अंसारी रोड, रुड़की रोड खस्ताहाल है, जिससे दुर्घटनाओं का शिकार भी होना पड़ता है। – सतेंद्र कुमार, निवासी कमलनगर
सम्भालहेड़ा में सड़क टूटी पड़ी है। वहीं रामराज तक गहरे गढ़े हैं। बरसात वाहन खराब होने के साथ लोग दुर्घटना का दंश झेल रहे हैं। – दिनेश कुमार, निवासी सिकरेडा
सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य विभाग से कराया गया है। गड्ढ़ामुक्त सड़कों पर भी काम किया है, जो अभी चल रहा है। जहां सड़के खराब है। उनपर बरसात खत्म होने के बाद फिर से कार्य कराया जाएगा। – एसपी सिंह, अधिशासी अधिकारी, लोक निर्माण विभाग
शहर में खराब सड़कों का काम मानसून बीतने के बाद कराया जाएगा। शहर में 90 से अधिक सड़के प्रस्तावित है। अधिकांश के निविदा छोड़ दी गई है। – विनय कुमार मनी त्रिपाठी, ईओ नगर पालिका मुजफ्फरनगर।





