पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को बल देने में जुटीं मंजू यादव
फरीदाबाद में कोरोना संकट के दौर में बहुत सी संस्थाओं ने राष्ट्रहित में कहीं जरूरतमंद को राशन पहुंचाया, तो कई समाजसेवियों ने मास्क वितरित किए। समाजसेविका मंजू यादव भी इस दौरान स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए सक्रिय रहीं और पर्यावरण संरक्षण अभियान को भी गंभीरता से लिया। अग्रिमा चलो आगे बढ़ें ट्रस्ट की अध्यक्षा मंजू यादव ने कई जरूरतमंद महिलाओं को अपने साथ जोड़ा है।
कोरोना संकट के शुरुआती दौर में सूती कपड़े के मास्क बनवाए गए। मास्क को फल तथा सब्जी मंडियों में निश्शुल्क वितरित किया। इस दौरान नागरिकों को जागरूक भी किया गया कि सब अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझें।
अब मंजू यादव झोला बैंक के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही हैं। सूती कपड़ों के थैले के प्रयोग को लेकर मंजू यादव समाज को जागरूक कर रही हैं। उनका मकसद है कि लोग पालीथिन का प्रयोग न करें। बाजार में कहीं जाएं तो सूती कपड़े का थैला लेकर ही जाएं इससे दुकानदार पालीथिन का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। ट्रस्ट की ओर से महिलाओं को कपड़ा और धागा उपलब्ध कराया जाता है। मंजू यादव बताती हैं कि उन्होंने भारत विकास परिषद के साथ मिलकर अग्रिमा झोला बैंक की शुरुआत की है। दर्जनभर महिलाएं सूती कपड़े से थैला बनाती हैं। इससे उन्हें भी रोजगार मिल रहा है। इस थैले की कीमत मात्र दस रुपये रखी गई है। पांच रुपये थैले बनाने वाली महिला को दिए जाते हैं। पर्यावरण संरक्षण अभियान में मंजू यादव के साथ अन्य सदस्य प्रतिमा लुधानी, पूजा पवार, हिरेंद्र लुधानी, अंशु गोयल तथा डिपल खुराना जुड़े हुए हैं। मंजू यादव कहती हैं कि पालीथिन के प्रयोग को अगर पूरी तरह से खत्म करना है तो हर नागरिक को पहल करनी होगी।





