सीएम की सुरक्षा को इतना खतरा तो आम लोग किस हाल में : अखिलेश
प्रधानमंत्री की तरह यूपी में मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर दी गई है। वैसे प्रदेश में जबसे भाजपा सत्ता में आई है, मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होती रही है। पर, सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं प्रदेश की जनता किस हाल में है। ये बातें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शनिवार को एक बयान में कही।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में दिन की शुरुआत हत्या, बलात्कार व लूट की खबरों के साथ होती है। शाम तक स्थिति और विकट हो जाती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2019 की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति के उत्पीड़न के मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 272 घटनाएं भी शामिल है। वर्ष 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए थे।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में हाल ही घटनाओं को देखें तो भाजपा राज में भाजपा के नेता भी असुरक्षित हैं। गाजियाबाद में मुरादनगर से भाजपा विधायक के मामा की निर्ममता से हत्या कर दी गई। आजमगढ़ में भाजपा नेता को गोली मार दी गई। उधर, मऊ में युवक, इटावा में महिला, गौरीगंज (अमेठी) में बुजुर्ग, कन्नौज में किसान और गाजियाबाद में फैक्टरी कर्मचारी की हत्याएं हुई।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में दुष्कर्म की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। फतेहपुर में किशोरी से बलात्कार हुआ। मैनपुरी में पांच वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद पंचायत ने इलाज के नाम पर आरोपितों से 20 हजार रुपये दिलाकर समझौता करा दिया गया। यह बेहद शर्मनाक है। अतरौली में किशोरी और नोएडा में नाबालिग बालिका को अगवाकर गैंगरेप किया गया। बांदा में युवती से दुष्कर्म किया गया। उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कार में सामूहिक दुष्कर्म के बाद लड़की को सड़क पर फेंक दिया गया। इससे साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्ता बेलगाम है। इसके बावजूद महिला अपराधों पर मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं।





