निजीकरण की आड़ में रोजगार खत्म कर रही सरकार : अखिलेश यादव
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार निजीकरण की आड़ में रोजगार खत्म कर रही है। बिजली के निजीकरण के विरोध में जिस तरह 15 लाख बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गए उसको देखते हुए सरकार को निजीकरण का प्रस्ताव वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अभियंताओं, कर्मचारियों, शिक्षकों और व्यापारियों की समस्याएं सुनने के बजाय उनके दमन पर आमादा है। उपचुनाव में जनता सबक सिखा देगी।
उन्होंने मंगलवार को कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से बिजली क्षेत्र में गड़बड़ियां शुरू हो गईं। साढ़े तीन वर्षों में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं बढ़ा है। गांव में 10 घंटा और शहरों में 15 घंटा से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही। अब सरकार की संपत्तियां निजी क्षेत्र को सौंपने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शासन चलाने के बजाय देश के संसाधनों का बाजार लगा रही है। निजीकरण से वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बेचने में लगी है। सरकार की गलत नीतियों से अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। इसलिए वह सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में सौंपकर जिम्मेदारी से हाथ झाड़ना चाह रही है। भाजपा सरकार टोल, मंडी, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, सरकारी मॉल और हवाई अड्डे सभी का निजीकरण करने पर तुली है। रेलवे अस्पतालों को बेचने के टेंडर मांगे जा रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों में 50 प्रतिशत समाप्त करने का फैसला किया जा चुका है। बीते 15 सालों में रोजगार की स्थिति सबसे खराब है। युवाओं को नौकरियां मिल नहीं रही हैं।





