उत्तर प्रदेश के योगी राज में ‘भूख से बेटी की मौत, तब घर पहुंचा सरकारी राशन’, दिल को झकझोर देगी गरीब मां की कहानी
उत्तर प्रदेश के योगी राज में आगरा जिले में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। बरौली अहीर ब्लॉक के नगला विधिचंद में शनिवार को पांच वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। मृतक बच्ची का परिवार मुफलिसी में जी रहा है। मां का कहना है कि घर में एक सप्ताह से खाने के लिए कुछ नहीं था। बेटी बीमार भी थी। उसने कई दिनों से कुछ नहीं खाया था। बच्ची की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने मृतक के घर 50 किलो आटा, चावल और अन्य राशन सामग्री उपलब्ध कराई है।
मृतक बच्ची की 40 वर्षीय मां शीला देवी ने बताया कि वो मजदूरी कर बच्चों का पेट पालती थी। पति सांस रोगी है। इससे वो काम पर नहीं जा पाता। लॉकडाउन में काम छूट गया। घर में एक माह से राशन नहीं था। पड़ोसी की मदद से 15 दिन गुजार लिए, लेकिन बच्ची को तीन दिन से बुखार आ गया। खाना न मिलने से बच्ची में खून की कमी हो गई थी। न दवा के पैसे थे और राशन खरीदने के लिए।
शीला देवी का कहना है कि राशन कार्ड नहीं होने से कभी राशन नहीं मिला। टोरंट पावर ने बिजली काट दी। सात हजार रुपये का बिल जमा नहीं कर सकी। तीन माह से घर में बिजली नहीं है। मुफलिसी और भूख से मेरी बेटी सोनिया की मौत हो गई।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने मामले की जांच के लिए तहसीलदार सदर प्रेमपाल सिंह को मृतक के घर भेजा। तहसीलदार ने कहा कि बच्ची की मौत डायरिया से हुई। कई दिनों से वो बीमार थी। भूख से मौत नहीं हुई। पीड़ित के घर 50 किलो आटा, 40 किलो चावल व अन्य राशन सामग्री उपलब्ध कराई है। परिवार का राशन कार्ड भी बनेगा। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है।
शीला देवी ने बताया कि नोटबंदी के समय चार साल पहले मेरे आठ साल के लड़के की मृत्यु हो चुकी है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने शासन-प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।





