यूपीः खड़ी फसल को रौंदे जाते देख किसान की मौत, रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का मामला
रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहीत जमीन पर कब्जा लेने के दौरान शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अदलहाट के जादवपुर में खड़ी फसल रौंदे जाते देखकर एक किसान की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। सूचना पर एहतियातन कई थाने की पुलिस और एसडीएम चुनार पहुंच गए और मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही, किसान का पोस्टमार्टम कराया गया।
रेलवे लाइन के लिए जादवपुर में किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई है। किसान मुआवजा बढ़ाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कुंडाडीह गांव निवासी कौशल (58) और उनके भाइयों का भी जादवपुर में 15 बिस्वा खेत अधिग्रहण की जद में आया है। शुक्रवार को जमीन पर कब्जा लेने के लिए रेलवे कंपनी डीएफसीसीआईएल की ओर से खड़ी गेहूं की फसल रौंदी जा रही थी।
घर वालों का कहना है कि सूचना पर कौशल मौके पर पहुंचे। उन्होंने जेसीबी रोकने की कोशिश की पर किसी ने उनकी नहीं सुनी। इसके बाद वह घर आए और पत्नी को फसल रौंदे जाने की जानकारी दे रहे थे। इसी दौरान उनके सीने में दर्द हुआ और हृदयगति रुकने से उनकी मौत हो गई। कौशल के भाई मनोहर ने इस संबंध में तहरीर दी है। सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक अभय कुमार सिंह ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उप जिलाधिकारी चुनार, क्षेत्राधिकारी चुनार सुशील कुमार यादव भी मौके पर पहुंचे। उप जिलाधिकारी ने दाह संस्कार आदि के लिए एक लाख रुपये तत्काल देने का निर्देश राजस्व कर्मियों को दिया।
एसडीएम चुनार सुरेंद्र बहादुर का कहना है कि जमीन का अधिग्रहण पहले ही हो चुका है और मुआवजा भी दिया जा चुका है। रेलवे का कार्य बृहस्पतिवार से शुरू हुआ है। शुक्रवार को जब काम करा रही टीम सुबह 11 बजे जादवपुर सिवान में जमीन पर कब्जा लेने पहुंची तो कुछ महिलाओं ने विरोध किया, पर समझाने पर मान गई। बाद में पता चला कि पास ही गांव के एक किसान की मौत हो गई और उसका नाम इस मामले से जोड़ा जा रहा है। लेकिन वह मौके पर आया ही नहीं था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय सुबह नौ बजे के पहले आया है। जबकि काम 11 बजे शुरू हुआ है। जमीन अधिग्रहण और किसान की मौत का आपस में कोई संबंध नहीं है।





