ग्रैप लागू होने से फरीदाबाद की सोसाइटियों में छा जाएगा बिजली संकट
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की खराब स्थिति को देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने 15 अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू करने का आदेश दिया है। ऐसे में खुले में पड़ी निर्माण सामग्री के साथ डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। अगर ऐसा होता है तो ग्रेटर फरीदाबाद की हाईराइज सोसायटियों के लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी, क्योंकि यहां बिजली की समस्या होने से 90 फीसदी सोसाइटियां जनरेटर पर निर्भर हैं। इससे पेयजल आपूर्ति ठप हो सकती है और लिफ्ट भी बंद हो जाएगी।
ग्रेटर फरीदाबाद में करीब 50 हाईराइज सोसाइटियां हैं। इनमें करीब 3 लाख लोग निवास करते हैं। यहां 90 फीसदी सोसाइटियों में क्षमता के अनुसार बिजली कनेक्शन नहीं है। सूरजकुंड रोड स्थित ओमेक्स फॉरेस्ट स्पा सोसाइटी में 33केवी क्षमता के सबस्टेशन की जरूरत है, मगर 11 केवी के कनेक्शन से काम चलाया जा रहा है। यही हालत अन्य सोसाइटियों की है। इस कारण फाल्ट और ब्रेकडाउन की समस्या अधिक रहती है। एक बार बिजली कटौती के पर लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। ग्रेटर फरीदाबाद रेजिडेंट्स एसोसिएशन के प्रधान प्रमोद मिनोचा ने बताया कि दो-चार को छोड़ दें तो लगभग सभी सोसाइटियों में बिजली कनेक्शन मिल चुके हैं, मगर फ्लैटों के हिसाब से कनेक्शन नहीं है।
बिल्डर ने सिंगल कनेक्शन लेकर फ्लैट धारकों को कनेक्शन बांटे हुए हैं। फ्लैट मालिकों से बिल्डर बिजली बिल वसूलते हैं और विभाग में जमा कराते हैं। कई बिल्डर बिल जमा कराने में देरी कर देते हैं, इससे सोसाइटियों में बिजली सप्लाई बंद होने की नौबत भी आ जाती है। ऐसे में जनरेटर से बिजली सप्लाई की जाती है। एक्शन प्लान लागू होने के बाद यहां के लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। सोसाइटियों में अभी सरकारी पानी की सप्लाई नहीं है। बिल्डर खुद पानी की व्यवस्था करते हैं। बिजली न होने पर जनरेटर बंद रहेंगे, तो पानी की सप्लाई भी नहीं हो सकेगी, जिससे लोगों की दिक्कत बढ़ सकती है। वहीं लिफ्ट भी बंद हो जाएंगी। जिससे लोगों को 20 मंजिल तक सीढ़ी चढ़कर जाना और उतरना पड़ेगा।
बिजली व्यवस्था हो दुरुस्त
ग्रेटर फरीदाबाद स्थित पुरी प्राणायाम सोसाइटी के निवासी योगेश मदान ने बताया कि यहां बिजली की समस्या काफी समय से बनी हुई है। अभी इसका ठोस रूप से समाधान नहीं हो सका है, अगर जनरेटर नहीं चलेंगे, तो काफी दिक्कत होगी। बिजली विभाग को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस दौरान कट न लगें। सरकार को चाहिए की इस तरह के आदेशों को लागू करने से पहले पीएनजी जनरेटरों के विकल्प पर ध्यान दिया जाए, ताकि लोगों की डीजल जेनरेटर पर निर्भरता कम हो।
ईपीसीए की ओर आदेश आने के बाद एक दम से जनरेटर बंद नहीं होंगे। एक्शन प्लान में प्रदूषण के हिसाब से एक स्लैब बनाया गया है, जिसमें बहुत सारे प्वाइंट दिए गए हैं। उसी के हिसाब से एक्शन प्लान को लागू किया जाएगा। प्रदूषण अगर बढ़ेगा तो सोसाइटी के जनरेटर भी बंद करवाए जाएंगे। – दिनेश कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
जनरेटर बंद होने से समस्या काफी बढ़ जाएगी। पानी घरों तक नहीं पहुंचेगा। बिजली नहीं होने पर लिफ्ट बंद पड़ने से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सरकार को ग्रेप लागू करने से पहले 24 घंटे बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। – विशाल गुप्ता, प्रधान, आरडब्ल्यूए पार्क ग्रेंड्यूरा सोसाइटी
बिजली कट की समस्या काफी ज्यादा रहती है। ऐसे में जनरेटर चलाना मजबूरी है। सरकार पूरी बिजली दे या फिर सोसाइटियों में चलने वाले जनरेटरों को इमरजेंसी सेवाओं में शामिल करें। – बीके शर्मा, ओमेक्स फॉरेस्ट स्पा सोसाइटी, सूरजकुंड
सोसाइटी में करीब दो हजार लोग रहते हैं। इनमें 100 से ज्यादा बुजुर्ग हैं। अगर जनरेटर पर पाबंदी लगती है तो लोग घरों में कैद होकर रह जाएंगे। – नरेंद्र शर्मा, कनिष्का टावर रेजिडेंसी
ग्रेटर फरीदाबाद में बिजली सप्लाई दूरदराज के क्षेत्रों से होती है। यहां सरकार की ओर से कोई बिजलीघर नहीं बनाया गया है। कई बार लाइनों में फाल्ट हो जाता है। इसे ठीक करने में दो से तीन दिन लग जाते हैं। ऐसे में जनरेटर चलाना पड़ता है। सोसाइटियों के पास इसका कोई विकल्प मौजूद नहीं है। – प्रमोद मिनोचा, प्रधान, ग्रेटर फरीदाबाद एसोसिएशन





