मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर में श्मशान घाटों में कम पड़ रही जगह, जमीन पर चिता बना कर अंतिम संस्कार
मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। यहां इस बीमारी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। हालात यह हैं कि श्मशान घाट में लोगों को अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह नहीं मिल रही है। एक घटना में शहर के रानी ताल श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए प्लेटफॉर्म नहीं मिल सका। ऐसे में परिजनों को जमीन पर ही शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा। इस घटना का वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है।
शहर प्रशासन का कहना है कि यहां के चार श्मशान घाटों में इस समय कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों और सामान्य मौतों के चलते यहां औसत से तीन गुना अधिक शव आ रहे हैं। शहर के श्मशान घाटों में अब जगह कम पड़ने लगी है। ऐसे में लोगों को जमीन पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। शहर में चारों श्मशान घाटों में रोज करीब 20 अंतिम संस्कार हो रहे हैं। बता दें कि कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में जबलपुर राज्य में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
बता दें कि जबलपुर में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ रहा है। यहां रोज कोरोना के 100 से 150 नए मामले सामने आ रहे हैं। शहर में मंगलवार को 165 नए मामले सामने आए थे। यहां कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब छह हजार से ऊपर चली गई है। यहां कुल मामले 6018 हैं तो सक्रिय मामलों की संख्या 1255 है। वहीं, रोजाना कोरोना संक्रमित दो-तीन मरीजों की मौत हो रही है। अब तक जबलपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित 108 लोगों की मौत हो चुकी है।
हरियाणा के फरीदाबाद में स्वस्थ हुए मरीजों को दोबारा हो रहा कोरोना
हरियाणा के फरीदाबाद में एक ओर कोरोना के नए मामले रफ्तार पकड़ रहे हैं, वहीं स्वस्थ हुए मरीजों में संक्रमण की दोबारा पुष्टि होने लगी है। विशेषज्ञ इसे चिंता का विषय मान रहे हैं। हालांकि दोबारा संक्रमित मिले 22 मरीज फिर से स्वस्थ हो चुके हैं। मामले का खुलासा हाल ही में एक स्थानीय व्यक्ति में संक्रमण की दोबारा पुष्टि के बाद हुआ।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डिप्टी डीन एके पांडेय ने बताया कि जिले में कई ऐसे मरीजों में दोबारा कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जोकि पूर्व में संक्रमण को मात देकर पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके थे। हालांकि दोबारा संक्रमित होने वालों में से कई फिर से स्वस्थ हो चुके हैं। मंगलवार तक जिले में 16407 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 14446 स्वस्थ हो चुके हैं। यदि स्वस्थ हुए लोगों को कोरोना संक्रमण अपनी जद में लेता है तो मामला बेकाबू होते देर नहीं लगेगी। उन्होंने बताया कि दोबारा संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं। स्थिति शोध से ही साफ हो सकेगी। संभावना है कि स्वस्थ हुए लोगों में पूरी तरह से एंटीबॉडी विकसित नहीं हुए होंगे। तभी संक्रमण दोबारा अटैक कर सकता है। हालांकि स्पष्ट जवाब शोध का विषय है।
हर दिन हो रही मौत
जिले में कोरोना संक्रमण विस्तार के साथ ही संक्रमितों की मौत के मामले भी चिंताजनक है। अब तक जिले में 195 मरीजों की मौत हो चुकी है। मृतकों में बुजुर्ग-बच्चे-रोगग्रस्त व युवा शामिल हैं। ऐसे में लापरवाही का आलम बेहद घातक हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कुल 195 मृतकों में 37 लोग ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु सिर्फ कोरोना वायरस के कारण हुई। उन्हें कोई अन्य बीमारी नहीं थी।
पिछले दिनों कुछ ऐसे लोगों को दोबारा संक्रमण हुआ, जिन्होंने एक-दो माह पूर्व ही कोरोना वायरस से ठीक हुए थे। ऐसे में सतर्कता ही बचाव है। लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। – डॉ. रामभगत, कोविड-19 नोडल अधिकारी





