
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अचानक शनिवार को अधिकारियों के पेंच कस दिए। दौर अब सरकारों को रिपीट करने का है, इसलिए तय है कि समाजवादी सरकार भी दोबारा आएगी।
अखिलेश का आशय था कि अफसरों के ढीले काम से उनकी सरकार की छवि प्रभावित हुई तो फिर उनकी भी खैर नहीं होगी। अपने आवास पर सोशल इंटरप्राइजेज समिट उप्र-2015-‘मंच’ में मुख्यमंत्री ने कमिश्नरों, जिलाधिकारियों से कहा कि समाजवादी सरकार में प्रयोग करने और जनहित के फैसले लेने की पूरी छूट है। हम लोग आते-जाते रहते हैं मगर आप स्थायी हैं। फिर भी काम नहीं करोगे तो ‘हमारा रोजगार’ छिन सकता है और ऐसी नौबत आयी तो किसी को बख्शेंगे नहीं। अधिकारी गफलत में न रहें, समाजवादी सरकार रिपीट होगी तो उन पर आफत आयेगी जो काम नहीं करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि अमीरी व गरीबी की खाई बहुत चौड़ी हो गई है, जिसे कम करना है। यहां डीएम, कमिश्नर और प्रमुख सचिव स्तर के तीस से अधिक अधिकारी मौजूद हैं। वे सब विकास योजनाओं को रफ्तार देने में जुटें

प्राथमिकता तय कर योजना बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जरूरत, संसाधन और विकास की प्राथमिकता को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जाएं। सोशल एंट्रेप्रन्योरशिप का क्षेत्र व्यापक है। इसमें निजी व गैर-सरकारी संस्थाओं की भागीदारी जरूरी है। को-ऑपरेटिव डेरी व फार्मिंग इसकी नजीर है। फिफ्थ इस्टेट ट्रस्ट कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण सुधार, जलवायु परिवर्तन, इंजीनियरिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल और सफाई, आइटी, श्रम, महिला सशक्तीकरण से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही है। ऐसी संस्थाओं के प्रयासों की देश व समाज को है। हमने किसानों की मदद के लिए इनोवेशन फंड स्थापित किया है। कार्यक्रम में राज्य योजना आयोग के सदस्य प्रो.सुधीर पवार, मुख्य सचिव आलोक रंजन, राजनीतिक पेंशनमंत्री राजेन्द्र चौधरी, फिफ्थ इस्टेट ट्रस्ट के चीफ एडवाइजर वेंकटेश रामकृष्णन, मैनेजिंग ट्रस्टी पल्लवी गुप्ता, जागरण पहल के सीईओ आनंद माधव, आठ जिलों के डीएम और छह मंडलों के कमिश्नर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के डीएम द्वारा भूकंप पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया।

Chief Minister Akhilesh Yadav announced on Saturday that government will institute a system in the chief minister’s office, or at the level of the chief secretary to monitor work being done at private or government-aided institutions. The move, the CM said, is aimed at ensuring all social enterprise models get government assistance and attention, seamlessly and benefit large swathes of the underprivileged.





