
आइएएस वीक के अंतर्गत आज बेहद हल्के माहौल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव सख्त तेवर में थे। उन्होंने राजधानी लखनऊ स्थित विधानभवन तिलक हाल में प्रदेश की शीर्ष अफसरशाही के पेंच कसे। मुख्यमंत्री ने अफसरों से साफ शब्दों में कहा कि लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों के वार्षिक मूल्यांकन करते समय इस तथ्य को ध्यान में रखा जाएगा कि उनके विभाग में विकास एजेण्डा पर कितनी सार्थक और परिणामजनक कार्रवाई हुई है। अगले वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ से ही अधिक से अधिक वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जाएं और जो नये कार्यक्रम या नई मांग बजट में पारित हों, उनकी प्रक्रिया और उनसे सम्बन्धित नीतिगत निर्णय तुरन्त लिए जाए, ताकि धरातल पर कार्य शीघ्र प्रारम्भ हो सके। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष के शेष दो माह में विकास एजेण्डा वर्ष २०१४-१५ के बिन्दुओं पर निर्धारित समय सारणी के अनुसार प्रभावी कार्यवाही की अपेक्षा भी की है।
मुख्यमंत्री आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष २०१५-१६ के लिए जो विकास एजेण्डा निर्धारित किया गया है उसमें सहभागी विकास, योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु नवीनतम तकनीकों का प्रयोग तथा प्रभावी और पारदर्शी प्रशासन पर बल दिया गया है, जिससे अवस्थापना में सुधार करते हुए प्रदेश की विकास दर को आगे बढ़ाया जा सके और विकास का लाभ किसानों, गरीबों, मजदूरों, महिलाओं और अल्पसंख्यक इत्यादि सभी तबकों को मिल सके।

अखिलेश ने जिलाधिकारियों को सरकार की अपेक्षाओं से अवगत कराया और कहा कि विकास सुनिश्चित करने के लिए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखना और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ रखना बहुत जरूरी है और इसकी मुख्य जिम्मेदारी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की ही है। अधिकारियों को इस सम्बन्ध में निर्भय होकर निष्पक्षता और ईमानदारी से काम करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को गम्भीरता से लिया जाएगा। यदि कोई असामाजिक तत्व प्रदेश के अमन-चैन और साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करे तो स्थानीय स्तर पर तैनात अधिकारी गुण-दोष के आधार पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए ऐसे घटनाओं पर तत्काल रोक लगाएं और समय रहते शासन को अवगत कराएं।

जिलाधिकारी की कार्यशैली का सरकार पर सीधा असर
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया और कहा कि इनके कार्य करने की शैली से सरकार की छवि पर सीधा असर पड़ता है। ९० प्रतिशत से अधिक जनता की समस्याएं जनपदीय मुख्यालय, तहसील, ब्लाक एवं थानों से सम्बन्धित होती हैं। इसलिए प्रातः १० से १२ बजे तक सभी अधिकारियों द्वारा कार्यालयों में उपस्थित होकर लोगों की समस्याओं को सुनने और उनके गुणवत्तापरक निराकरण के प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अलावा तहसील दिवस को और अधिक प्रभावी बनाने तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के सन्दर्भित प्रकरणों को गम्भीरता से लेने के निर्देश भी दिए। श्री यादव ने कहा कि उनके स्तर से की गई घोषणाओं का समयबद्धता के साथ अनुपालन कराया जाए। राज्य सरकार के निर्णयों, कार्यक्रमों एवं नीतियों के क्रियान्वयन के लिए उन्होंने मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित रूप से क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के निर्देश दिए। उन्होंने लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों द्वारा रखी गईं जनता की समस्याओं पर ध्यान दें और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी जनोपयोगी रिक्त पदों को इस वर्ष भरने का निर्णय लिया है। इससे जहां युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं फील्ड में कार्य करने के लिए पर्याप्त कार्यबल उपलब्ध होंगे। विकास एजेण्डा में इनोवेशन सेल और इनोवेशन कार्य की बात रखने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे नये प्रयोगों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने विभिन्न जनपदों के लिए नामित प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि निरीक्षण के दौरान पायी गई कमियों को जिलाधिकारियों को अवगत कराकर तत्काल निस्तारित कराए।





