अच्छी खबर: ग्रेटर फरीदाबाद में खेड़ी पुल से मिर्जापुर एसटीपी तक सीवर लाइन डालने की मंजूरी
ग्रेटर फरीदाबाद में खेड़ी पुल से मिर्जापुर एसटीपी तक सीवर लाइन डाली जाएगी। इसके लिए कार्य आवंटित कर दिया गया है। इसके लिए वन विभाग, उत्तर प्रदेश से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद व फण्ड की उपलब्धता होने पर कार्य को एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
ग्रेटर फरीदाबाद में नहीं भरेगा सीवर का पानी
खेड़ी पुल से मिर्जापुर एसटीपी तक सीवर लाइन बिछाने की मंजूरी मिलने के बाद ग्रेटर फरीदाबाद (ग्रेफ) के लोगों को काफी राहत मिलेगी। यहां गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने के चलते गंदा पानी ग्रेफ के खाली स्थान या गुरुग्राम-आगरा नहर के साथ ग्रीन बेल्ट में भरा रहता है। स्थानीय लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि ददसिया के पास प्रस्तावित एसटीपी तक सीवर लाइन डालने का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है, लेकिन मिर्जापुर एसटीपी तक सीवर लाइन डालने की मंजूरी का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था।
मृत पशुओं को दफनाया जाएगा
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में मृत पशुओं को दफनाने की नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। विज गुरुवार को हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मृत पशुओं के लिए फिलहाल राज्य में हड्डा रोडी की प्रथा चल रही है। इससे मरे हुए पशुओं के शरीरों को पक्षी एवं जानवर खुर्दबुर्द देते हैं, जिसके कारण आसपास के क्षेत्र में बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। इसलिए यह कोशिश की जा रही है कि निकट भविष्य में मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था शुरू की जाए। निकाय मंत्री ने कहा कि असंध में हड्डा रोडी के निर्माण का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मृत पशुओं के अवशेषों का सही तरीके से निपटान करने का इंतजाम किया जाएगा। राज्य के किसी भी क्षेत्र में पशुओं के शवों को खुले में इधर-उधर नहीं रहने दिया जाएगा।
गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर बदबू से मिलेगी राहत
नगर निगम क्षेत्र में मरने वाले पशुओं के शव को ठेकेदार अरावली में ले जाते हैं। जहां उसके शरीर से खाल और हडडी निकाली जाती है। इसकी वजह से अरावली में बदबू रहती है। गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के राहगीर और आसपास के रिहायशी इलाकों के लोग इससे बेहद परेशान रहते हैं। अरावली में केंद्रीय सरकार के रिसर्च सेंटर की तरफ से भी नगर निगम के अधिकारियों को इस बाबत शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं है। पर्यावरण प्रेमी विष्णु का कहना है कि पशुओं के शव को गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के साथ ही फेंक दिया जाता है। इससे पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है। शव को दफनाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद गंदगी और बदबू से राहत मिलेगी।
एनजीटी तक लड़ी है लड़ाई
तुलिंद्र, निवास ग्रेटर फरीदाबाद-ग्रेटर फरीदाबाद की ग्रीन बेल्ट में भरे सीवर के पानी से निजात पाने के लिए एनजीटी में याचिका दायर की थी। जिस पर एनजीटी ने प्रशासनिक अधिकारियों को गंदगी साफ करने और अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। जिस पर प्रशासन ने कुछ काम किया लेकिन हालात कुछ समय बाद फिर पहले जैसे हो गए। अब सीवर लाइन डालने की मंजूरी मिलने से ग्रीन बेल्ट को विकसित किया जा सकेगा।
ग्रेटर फरीदाबाद को अलग नगर निगम बनाने की मांग
गुरुगाम के मानेसर की तरह ग्रेटर फरीदाबाद को अलग नगर निगम बनाने की मांग तिगांव विधानसभा से भाजपा विधायक राजेश नागर ने की है। फरीदाबाद नगर निगम का विस्तार करने के लिए इसमें ग्रेटर फरीदाबाद सहित इसके आसपास के बीस से ज्यादा गांव शामिल किए जा रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम में ग्रेटर फरीदाबाद के लिए अलग से बजट निर्धारित करने की बात भी कही है। ताकि यहां के लिए फायर स्टेशन, फ़ायर ब्रिगेड स्टेशन और उसमें हाइड्रोलिक लैडर मशीन, पॉवर स्टेशन आदि बनाए जा सकें।
निर्मल कुलश्रेष्ठ, प्रधान, कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए ग्रेटर फरीदाबाद-ग्रेफ के लोगों मूलभूत सुविधाओं सहित बुनियादी सुविधाओं की काफी जरूरत है। विधायक राजेश नागर सहित अन्य विधायकों ने हरियाणा विधानसभा में ग्रेफ के मुददे उठाए हैं। अब उम्मीद बन रही है कि यहां की समस्याएं जल्द दूर हो जाएंगी।
किशोर, पशुओं के शव उठाने वाले ठेकेदार-पशुओं के शव को दफनाने का सरकार का फैसला सही है, मगर फरीदाबाद में शवों को दफनाने के लिए इतनी जगह नहीं है। अभी भी तीन नंबर की पहाड़ी के शवों को फेंका जाता था। शहर में हर महीने पांच सौ से हजार के बीच पशु मरते हैं।





