
एमएसएमई कान्क्लेव में खुला सौगातों का पिटारा,
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र की उपस्थिति में ‘मेक इन यूपी’ पहल के लिहाज से अहम फुटवियर इंडस्ट्री, खाद्य प्रसंस्करण इंडस्ट्री, फार्मा और होटल इंडस्ट्री सेक्टर को आगे बढ़ाने से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की।
उन्होंने यहां मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना सहित उद्यमियों के लिए कई सहूलियतों का भी एलान किया। इसका सीधा फायदा आने वाले दिनों में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमी पाएंगे।
गोमतीनगर स्थित होटल ताज विवांता में ‘अमर उजाला’ केएमएसएमई कान्क्लेव में मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री ने सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों की 17 श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 49 उद्यमियों तथा पांच विशेष श्रेणी के उद्यमियों को चमचमाती ट्राफी व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
यहां उद्यमियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म व लघु औद्योगिक इकाइयों को सरकारी विभागों से की जाने वाली खरीद में वरीयता देने और फुटवियर इंडस्ट्री की एक अहम मांग मानते हुए प्लास्टिक फुटवियर पर लगने वाली वैट की मौजूदा दर 14.5 फीसदी को सीधे 9.5 फीसदी घटाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की।
अखिलेश ने उद्योगों में स्किल्ड मैनपॉवर की आवश्यकता पूरी करने के लिए प्रदेश की पालीटेक्निक संस्थाओं में कौशल विकास से जुड़ा नया पाठ्यक्रम शिक्षा सत्र 2016-17 से शुरू करने का भी एलान किया।
बनाई जाएंगी नई नीतियां
मुख्यमंत्री ने पिछले काफी समय से ‘अमर उजाला’ में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों की छपी समस्याओं की चर्चा करते कहा कि इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति बनाकर लागू की जाएगी।
उन्होंने फार्मा सेक्टर व होटल इंडस्ट्री की उम्मीदों को भी परवान चढ़ाया। अखिलेश ने कहा कि इन सेक्टर के उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए उनकी सरकार जल्दी ही फार्मा पॉलिसी और होटल मैनेजमेंट पालिसी लाएगी। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
ये भी ऐलान
*प्रदेश केराजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशिक्षण क्षमता में मांगपरक विस्तार किया जाएगा।
*लखनऊ स्थित एक्सपो मार्ट में हस्तशिल्प उत्पादों के प्रदर्शन व बिक्री के लिए कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे।
*एमएसएमई के उत्पादों केआनलाइन प्रदर्शन व बिक्री के लिए डायनेमिक एमएसएमई पोर्टल जल्द शुरू होगा।

एक महीने में बन जाएगी यह पॉलिसी
प्रदेश सरकार एमएसएमई सेक्टर के लिए एक नई पॉलिसी लेकर आ रही है। यह पॉलिसी एक महीने में बनकर तैयार हो जाएगी। यह घोषणा खुद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने शनिवार को ‘अमर उजाला’ के ‘एमएसएमई कॉन्क्लेव’ में की। उन्होंने कहा कि सरकार ने इंडस्ट्री पॉलिसी तो बनाई है लेकिन उसमें बड़ी इंडस्ट्री ही फोकस हो रही हैं। इसलिए सरकार इसके लिए अलग पॉलिसी ला रही है।
इस कॉन्क्लेव में आलोक रंजन ने कहा कि कृषि के बाद एमएसएमई दूसरा बड़ा सेक्टर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। हैंडीक्राफ्ट के लिए प्रदेश सरकार ने पॉलिसी बनाई है। सरकार वुडवर्क, ब्रासवेयर, चिकनकारी जैसे तमाम हैंडीक्राफ्ट व आर्ट-कलाकारी का एक बड़ा सम्मेलन जनवरी में करेगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इसमें खुद शिरकत करेंगे।
उन्होंने कहा कि अभी एमएसएमई सेक्टर की सबसे बड़ी समस्या मार्केटिंग की है। आजकल ई-बिजनेस काफी तेजी से बढ़ गया है। इसलिए सरकार अब एमएसएमई का एक पोर्टल बनाने जा रही है।
इसमें फ्लिपकार्ट जैसे कंपनियों से बात हो रही है। इसके जरिए एमएसएमई के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री भी सरकार शुरू करवाएगी। इससे कोई भी व्यक्ति अपने घर से ही ऑनलाइन सामान खरीद सकेंगे।
उन्होंने कहा कि सूक्षम, लघु व मध्यम उद्योगों की सबसे बड़ी समस्या फाइनेंस की आती है। इसके लिए सरकार राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की हर बैठक में समीक्षा करती है। इसमें बैंकर्स को अधिक से अधिक लोन देने के लिए प्रेरित किया जाता है। पहले प्रदेश सरकार की संस्थाएं पिकअप व यूपीएफसी भी लोन देती थीं। लेकिन किन्हीं कारणों से यह अब लोन नहीं दे रही हैं। यदि जरूरी हुआ तो इन्हें फिर से शुरू किया जाएगा।
आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार उन अफसरों के दिलो-दिमाग में बदलाव लाएगी जिनका सीधा वास्ता उद्यमियों से पड़ता है। उन्होंने कहा कि उद्यामियों को निचले लेविल पर काफी परेशानी होती है। अभी इन अफसरों के दिमाग में इंस्पेक्टर राज ही रचा-बसा है।
प्रदेश सरकार इन अफसरों को उद्यमियों की मदद करने वाले मेंटर के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए अफसरों की एक कार्यशाला भी की जाएगी। इसमें उद्यमियों को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग बंधु की मॉनीटरिंग भी सख्त कर रही है।
जो भी डीएम व कमिश्नर उद्योग बंधु की बैठक में नहीं जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि उद्योग बंधु की बैठक में समस्याएं न सुलझ पाएं तो उन्हें प्रदेश स्तर पर भेजा जाए। हम यहां से समस्याएं हल कर भेज देंगे।





