अखिलेश का भाजपा पर हमला, ट्विटर पर लिखा- पहले नकली किताब का धंधा करने वालों को नैतिक शिक्षा के पाठ पढ़ाएं
उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में शुक्रवार को भाजपा नेता के गोदाम से 35 करोड़ की एनसीईआरटी की नकली किताबें पकड़ी गईं। इसी को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि शिक्षा-नीति में बदलाव करने वाली भाजपा पहले अपने उन नेताओं को नैतिक-शिक्षा के पाठ पढ़ाए जो करोड़ों रूपये के ‘नकली किताबों’ के गोरखधंधे में संलिप्त हैं। साथ ही अखिलेश यादव ने लिखा कि नकली ईमानदारी का चोगा ओढ़े लोगों का सच अब सामने आ गया है।
ये था पूरा मामला
परतापुर इलाके में शुक्रवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की करीब 35 करोड़ कीमत की फर्जी पुस्तकें बरामद की गईं हैं। एसटीएफ और परतापुर पुलिस की संयुक्त टीम ने परतापुर-अच्छरौंडा मार्ग स्थित गोदाम पर छापा मारकर यह कार्रवाई की। भारी मात्रा में पुस्तकों के साथ ही आधा दर्जन प्रिंटिंग मशीनों को कब्जे में लेते हुए मौके से 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एसएसपी अजय साहनी ने बताया था कि परतापुर-अच्छरौंडा-कांशी गांव के मार्ग पर गोदाम में एनसीईआरटी की फर्जी पुस्तकों का गोदाम होने की सूचना मिली थी। यह गोदाम सुशांत सिटी परतापुर निवासी प्रकाशक सचिन गुप्ता का बताया गया। सचिन की टीएनएचके प्रिंट एंड पब्लिशर के नाम से मोहकमपुर में प्रिंटिंग प्रेस है। गोदाम का सारा सामान सील करने के बाद संयुक्त टीम मोहकमपुर प्रिंटिंग प्रेस पर पहुंची। जहां पर आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए पुस्तकों में आग लगा दी और वहां से फरार हो गए। पुलिस ने आग बुझाकर कार्रवाई शुरू कर दी।
जांच में सामने आया कि प्रिंटिंग प्रेस और गोदाम में फर्जी पुस्तकें तैयार की जा रही थीं। एसएसपी के अनुसार आरोपी सचिन गुप्ता के मैनेजर सुनील कुमार और सुपरवाइजर अमरीश कुमार समेत डेढ़ दर्जन से पूछताछ की जा रही है।
सचिन की गिरफ्तारी के बाद खुलेंगे कई राज
एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि सचिन गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे होंगे। पता चलेगा कि पूरा नेटवर्क कहां से कहां तक जुड़ा है। चर्चा है कि सचिन गुप्ता को भाजपा के एक बड़े नेता का संरक्षण रहा, ऐसे में इसकी गहराई से जांच की जा रही है कि वह किसके बल पर वह एनसीईआरटी की नकली पुस्तकों का करोड़ों का कारोबार धड़ल्ले से कर रहा था। शुरुआती जांच में आया है कि मेरठ के अलावा दूसरे जिलों और राज्यों के प्रकाशक सचिन से जुड़े हैं, इसकी भी पड़ताल की जा रही है।





